जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कई अध्ययन और रिपोर्ट्स के अनुसार कोविड की तीसरी लहर का असर बच्चों पर भी पड़ेगा।
इसे देखते हुए, कानपुर का मंडल प्रशासन सरकार के निर्देशों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने, ऑक्सीजन की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने और बच्चों के इलाज के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन बेड और बाल चिकित्सा आईसीयू सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।
स्थानीय प्रशासन उपरोक्तानुसार सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।
एक नई पहल के रूप में, मंडलीय प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषित बच्चों के लिए “विशेष पोषण और स्वास्थ्य परीक्षण अभियान” चलाने हेतु कार्य योजना बनाया है।
क्योंकि इन कुपोषित बच्चों को उनकी कम प्रतिरक्षा क्षमता और स्वास्थ्य स्थिति के कारण संक्रमण होने की अधिक संभावना होगी।
इसके साथ ही मंडलीय प्रशासन उन सभी माता-पिता, जिनके कुपोषित बच्चे हैं और ऐसे अभिभावक जिनके 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं, की पहचान करने और उन्हें पंजीकृत करने और फिर प्राथमिकता के आधार पर उनका टीकाकरण करने की योजना बनाया है।
आयुक्त कानपुर ने यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक जनहित में यह नई और बहुत आवश्यक पहल शुरू की है कि कुपोषित बच्चों को संभव पोषण और स्वास्थ्य जांच और उपचार मिले और उनके माता-पिता को आशा और आंगनवाड़ी द्वारा बल्क पंजीकरण कराकर प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाए।
स्थिति का अध्ययन करने और बेहतर कार्ययोजना बनाने के लिए, आज आयुक्त कानपुर ने बिलहौर तहसील कानपुर के बीबीपुर गांव का भ्रमण किया।
इस दौरे में माननीय विधायक बिल्हौर एवं एडी स्वास्थ्य, एसडीएम बिल्हौर , बीडीओ एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
आयुक्त ने इन बच्चों के माता-पिता और गांव की एएनएम और आशा से बातचीत की।
आयुक्त द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण तथ्य और निर्देश इस प्रकार हैं:
१) इस गांव में कुल 4 अति कुपोषित बच्चे और 2 मध्यम कुपोषित बच्चे हैं।
2) उन्हें पोषण सामग्री (चावल, गेहूं, घी, दालें नियमित रूप से) मिल रही हैं।
लेकिन कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण नियमित नहीं किया जा रहा है।
और उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी नहीं रखा जाता है।
आयुक्त ने कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य रिकॉर्ड नहीं रखने और नियमित आधार पर उनके स्वास्थ्य की जांच नहीं कराने के लिए cdpo , एएनएम और आशा को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
3) आयुक्त ने आशा, एएनएम और एमओआईसी बिल्हौर को निर्देश दिया कि वे कुपोषित बच्चों के माता-पिता को बल्क रेजिस्ट्रेशन कराकर प्राथमिकता के आधार पर कोविड 19 का टीका लगवाएं ताकि उनके परिवार को कोविड संक्रमण से सुरक्षित बनाया जा सके।
4) आयुक्त ने गांव के प्रधान को कुपोषित बच्चों के घर नियमित रूप से विज़िट करने और समुदाय की मदद से नियमित आधार पर दूध, फल और अन्य पोषण सामग्री भी सुनिश्चित करने के लिए कहा।
5) आयुक्त कानपुर ने कानपुर मंडल के सभी डीएम को कुपोषित बच्चों के परिवारों की पहचान करने, उन्हें प्राथमिकता से टीकाकरण कराने और बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच और इन बच्चों को नियमित रूप से पोषण वितरण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किया।
इसके लिए ब्लॉक स्तर पर एमओआईसी, बीडीओ और सीडीपीओ की एक समिति और फिर जिला स्तर पर सीडीओ, सीएमओ, डीपीओ और डीपीआरओ की समिति साप्ताहिक आधार पर इसकी निगरानी करेगी और बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चहित करेगी।
डीएम साप्ताहिक आधार पर समीक्षा करेंगे और निर्धारित प्रारूप पर आयुक्त को कार्य प्रगति की रिपोर्ट देंगे।
धन्यवाद
राज शेखर
आयुक्त कानपुर