कानपुर

 

CM योगी का युवाओं से आह्वान, तकनीक और रिफॉर्म से भागो मत, विकास की प्रक्रिया में बनें सहभागी

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें तकनीक और रिफॉर्म से भागना नहीं चाहिए, बल्कि सावधानी और अनुशासन के साथ इसे अपनाकर नए मुकाम को हासिल करना पड़ेगा. एक निजी विश्वविद्यालय के समारोह में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कंप्यूटर, मोबाइल, जीपीएस, टूजी से लेकर फाइव जी आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि यह जब आए थे तो खूब विरोध हुआ था लेकिन आज यहीं मानव जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं.उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दो करोड़ युवाओं को टैबलेट उपलब्ध कराया है. उन्होंने कहा कि तकनीक को अपनाकर अगर सफल नहीं होंगे तो युवा चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे. उन्होंने कहा कहा कि कुछ लोगों के विरोध को देखकर देश के विकास को बाधित नहीं किया जा सकता है. देश के बड़े समुदाय के हितों को देखते हुए देश की विकास की यात्रा को बाधित नहीं किया जा सकता है. तकनीक की महत्ता को बताते हुए सीएम योगी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, आटोमेशन, चैट जीपीटी आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि यह कितनों को बेरोजगार करने वाला है लेकिन हमें इसके बीच से रास्ता निकालना होगा. जमाना अब क्रिप्टोकरेंसी की तरफ आगे बढ़ रहा है.इंटरनेट आफ थिंग्स में दुनिया आगे बढ़ चुकी है. ऐसे में हम खुद को पीछे नहीं रख सकते. सीएम ने कहा कि एआई ने एक तरफ हमारे जीवन को सुगम किया है तो दूसरी तरफ डीपफेक वीडियो जैसे मामले सामने आ रहे हैं. वर्तमान में डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में जरूरी है कि इसके सुरक्षात्मक उपायों के बारे में न केवल संस्थान सोंचे बल्कि उपयोगकर्ता भी अपनी जिम्मेदारी को समझें. अगर कोई कुछ कह रहा है तो उसका क्रॉस वैरीफिकेशन जरूर करें.उन्होंने कहा कि दुनिया तकनीक को लेकर आगे बढ़ रही है. ऐसे में जो अपने को पीछे करेगा, वह विकास की यात्रा को बाधित करेगा क्योंकि वर्चस्व तकनीक का है, काल के प्रवाह का उदाहरण देते कहा कि किसी की चिंता किए बगैर विकास की प्रक्रिया का सभी को सहगामी बनना पड़ेगा. सीएम योगी ने छात्र छात्राओं को सीख देते हुए कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी के बीच मनुष्य को मनुष्य बने रहने की भी चुनौती है, इसके​ लिए संस्थानों को अनुशासन के साथ उन्हें जोड़ना पड़ेगा. जिसमें राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि मानना होगा. सीएम ने कहा कि पूरे विश्व का ध्रुवीकरण भारत के आसपास है. भारत को आगे बढने से कोई रोक नहीं सकता.

इस दौरान तकनीक का उपयोग करते हुए टेलीमेडिसिन और टेलीकंसलटेशन को गांवों तक ले जाने को कहा, जिससे कि ग्रामीणों को इसका फायदा मिल सके. ड्रेनेज, सीवर और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में देसी पद्धति अपनाने पर जोर देते हुए इस क्षेत्र में शोध करने का भी उन्होंने आह्वान किया. इस दौरान उन्होंने भारतीय दृष्टि को महान बताते हुए कहा कि इसमें सत्य के मार्ग पर चलने की हमेशा सीख दी. दुनिया के अंदर किसी ने अगर धर्म को समझा तो वह भारत के ऋषियों ने समझा, इस दौरान भगवान राम से लेकर गौतम बुद्ध, राम प्रसाद बिस्मिल से लेकर महारानी लक्ष्मीबाई का उदाहरण भी दिया.

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