गंग गणपति नमोस्तुते
शवयात्रा में यह काम करने पर यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्ति होती हैं!
आपने देखा होगा कि जब भी कोई शवयात्रा निकलती है तो मार्ग में आने वाले व्यक्ति उसे देखकर प्रणाम करते हैं और शिव-शिव का उच्चारण करते हैं। इसके पीछे शास्त्रोक्त मान्यता यह है कि जिस मृतात्मा ने शरीर छोड़ा है, वह अपने साथ उस प्रणाम करने वाले व्यक्ति के सभी कष्टों, दुखों और अशुभ लक्षणों को ले जाती है।
शव यात्रा को देखकर वहां से गुजरने वाले लोग थोड़ी देर ठहर जाते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते है। यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख नियम है, जिसके अनुसार शवयात्रा को देखने के बाद हमें मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इससे मृत आत्मा को शांति मिलती है।
धार्मिक दृष्टिकोण के अलावा ज्योतिष की भाषा में भी शवयात्रा देखना शुभ बताया गया है। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति शव यात्रा को देखता है, तो उसके रुके काम पूरे होने की संभावनाएं बन जाती है। उसके जीवन से दुख भी दूर होते हैं और उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति ब्राह्मण की अर्थी उठाता है, उसे अपने हर कदम पर एक यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। मात्र पानी में डुबकी लगाने से ही उसका शरीर पवित्र माना जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यदि कोई ब्राह्मण किसी अन्य ब्राह्मण के शव को अपने स्वार्थ या पैसों के लिए उठाता है, तो 10 दिनों तक वह अशुद्ध रहता है।