कानपुर
कानपुर के सीसामऊ विधानसभा से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने दीपावली के दिन वनखंडेश्वर मंदिर में बाबा शिव की पूजा कर जल चढ़ाया और दीये भी जलाए थे। इसके बाद से सियासी पारा गर्म हो गया था। शनिवार को हरिद्वार से गंगाजल मंगवाकर पुजारियों ने मंदिर का शुद्धिकरण किया। इतना ही नहीं, मंदिर और शिवलिंग को गंगाजल से धोया।
वनखण्डेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी रामनरेश मिश्र का कहना है कि नसीम के मंदिर में आने से भक्तों में आक्रोश है। अगर वह मंदिर में आई ही थी तो इसकी सूचना दे दी जाती, गंगाजल से शुद्धिकरण कर दिया जाता है। इरफान सोलंकी और उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी कभी मंदिर के अंदर नहीं आए। वह मंदिर के बाहर ही रहे, लेकिन अब मंदिर को राजनीति का अड्डा बनाया जा रहा है।सपा के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जब मुख्यमंत्री आवास छोड़ा था तब भी पूरे आवास को गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण कराया गया था। तब अखिलेश यादव ने इस चीज को गलत बताया था। वहीं, कन्नौज के गौरीशंकर मंदिर में लोकसभा चुनाव के दौरान जब अखिलेश व डिंपल यादव दर्शन को गए थे, उसके बाद मंदिर को पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने भी गंगाजल से शुद्धिकरण कराया गया था। पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद सपा ने सीसामऊ विधानसभा से प्रत्याशी उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को बनाया है, 13 नवंबर को उपचुनाव होने है। उपचुनाव से पहले नसीम सोलंकी ने मंदिर में जाकर दीपावली की रात दर्शन किया, इसके बाद वह गुरुद्वारे भी गई। पी रोड स्थित वनखंडेश्वर मंदिर में सीसामऊ विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है। इस मंदिर में गुरुवार की रात नसीम सोलंकी पहुंची। नसीम सोलंकी ने वनखंडेश्वर मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। साथ ही उन्होंने दीपक भी जलाए।
सीसामऊ विधानसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर अधिकांश सपा का कब्जा रहा है। प्रदेश के अन्य सीटों की तरह यहां भी जातीय समीकरण काफी मायने रखते हैं। मुस्लिम, ब्राह्मण और दलित मतदाता प्रत्याशियों के हार-जीत में बड़ी भूमिक अदा करते हैं। इनमें से एक भी समुदाय का वोटर अगर भटकता हैं तो सियासी समीकरण ध्वस्त हो जाते हैं। दीपावली के पर्व पर सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने बाबा वनखंडेश्वर मन्दिर में न सिर्फ शिवलिंग पर जल चढ़ाया, बल्कि दीए भी परिसर में जलाए। इससे उन्होंने ब्राह्मण और दलित मतदाता दोनों को साधने का प्रयास किया। वहीं उन्होंने गुरुद्वारा में भी माथा टेका।
मंदिर में शिवलिंग की पूजा करने पर सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी के खिलाफ आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने फतवा जारी किया है। फतवे में कहा गया कि नसीम सोलंकी ने जो किया इसकी शरीयत इजाजत नहीं देता है। उन्हें माफी के लिए तौबा करके कलमा पढ़ना होगा। कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सपा ने नसीम सोलंकी को अपना उम्मीदवार बनाया है। दिवाली पर नसीम सोलंकी ने एक मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा की।
शहाबुद्दीन रजवी ने बताया कि उनसे किसी ने पूछा कि एक मुस्लिम महिला ने मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा की। इस पर शरीयत का क्या हुक्म है। जिस पर उन्होंने कहा कि इस्लाम में मूर्ति पूजा करना हराम है। मुस्लिम महिला अगर जानबूझकर पूजा और जलाभिषेक करती है तो उस पर सख्त हुकुम शरीयत में है। उनकी तरफ से फतवा जारी करके सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी को नसीहत देते हुए कहा है कि मुसलमान होने की वजह से शरीयत का कानून उन पर भी लागू होगा।इंडिया गठबंधन और सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी द्वारा वनखंडेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाया था। जिस पर कुछ लोगों ने कानपुर के काज़ी ने फतवा देने से परहेज किया तो बरेली से फ़तवा मंगाया गयाl बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात मौलाना मुफ़्ती शहाबुद्दीन राजवी का फ़तवा भी बहुत स्पष्ट नहीं हैl फतवा में सिर्फ ये कहा गया है कि जिस महिला ने ऐसा किया है वो शरीयत की मुजरिम है और उसको तौबा करना चाहिए l
कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने बीते दिनों पी रोड पर वंखनदेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की थी l जिसको लेकर सियासत गर्म हो गयी है l