सोलंकी परिवार की बहू पर विरासत बचाने की चुनौती
सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने सोलंकी परिवार के तीसरे सदस्य पर आखिरकार दांव लगा दिया है. आपको बता दें कि हाजी मुश्ताक सोलंकी, इरफान सोलंकी के बाद सोलंकी परिवार की बहू नसीम तीसरी ऐसी सदस्य होंगी, जो परिवार की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए चुनावी मैदान में होंगी. हालांकि, पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम के नाम को लेकर पहले ही समाजवादी पार्टी में सहमति बन गई थी लेकिन सपा मुखिया की तरफ से बुधवार को उनके नाम का अधिकाधिक रूप से ऐलान किया गया.समाजवादी पार्टी से अपने नाम का ऐलान होने के बाद नसीम सोलंकी महाराजगंज से रवाना हो गई. गौरतलब हो कि जबसे महाराजगंज जेल में पूर्व विधायक और उनके पति इरफान सोलंकी जेल में बंद हैं, तब से नसीम ने वहीं पर अपना दूसरा ठिकाना बना रखा है. हालांकि,उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव के प्रति आभार जताया. आपको बता दें कि नसीम सोलंकी के घर पिछले दिनों विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय भी आए थे. पूर्व में आर्यनगर और फिर बदले परिसीमन के बाद सोलंकी परिवार का इस सीट पर करीब 22 साल से कब्जा है. प्रचंड मोदी लहर में भी इरफान सोलंकी ने सीसामऊ सीट पर पहले भाजपा के सुरेश अवस्थी और फिर सलिल विश्नोई को हराकर अपना परचम फहराया था, हालांकि, बदली हुई परिस्थितियों में जनता किस पर विश्वास व्यक्त करेगी, यह चुनाव परिणाम बताएंगे लेकिन नसीम की प्रत्याशिता घोषित होने के बाद सपा के अंदर उत्साह देखा जा रहा है.नसीम सोलंकी के ससुर हाजी मुश्ताक सोलंकी दो बार आर्यनगर सीट से विधायक रहे. उनके इंतकाल के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को इरफान ने संभाला और उपचुनाव में जीत हासिल की और फिर अब तक अजेय बने रहे. जाजमऊ में आगनजी कांड में सात साल की सजा पाने के बाद इरफान सोलंकी की विधायकी गई तो अब उनकी पत्नी नसीम सोलंकी पर राजनीतिक विरासत को बचाने की जिम्मेदारी आ गई है. सोलंकी परिवार हमेशा से सपा मुखिया का करीबी रहा है फिर चाहे वह मुलायम सिंह यादव हों फिर अखिलेश यादव. इरफान को जब कानपुर में गिरफ्तार किया गया था, तब सपा मुखिया अखिलेश यादव उनसे मिलने भी आए थे, इसके बाद सुरक्षा कारणों का हवाला बताकर उन्हें महाराजगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया थ