कानपुर
लखनऊ, फर्रुखाबाद, बांदा, महोबा, इटावा, झांसी समेत अन्य रूटों पर स्पेशल या इंटरसिटी बनकर कानपुर सेंट्रल से चल रहीं 22 ट्रेनें एक जुलाई से मेमू बनकर मुख्य रूप से संचालित होंगी।यह निर्णय उत्तर मध्य रेलवे की ओर से ही लिया गया है। ट्रेनों के आगे का जीरो नंबर भी हट जाएगा। किराया भी कम होने की पूरी उम्मीद है। रेलवे की ओर से कोरोना संक्रमण के दौरान पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल ट्रेनों के रूप में संचालित किया था। इसकी वजह से इटावा, लखनऊ और अन्य रूटों पर किराये में वृद्धि हो गई थी। अब ट्रेनों के मेमू बनकर चलने से यात्री किराया भी कम हो सकता है।कोरोना काल के बाद केवल दो जोड़ी मेमू ही चल रही हैं। दोपहर के समय एक इंटरसिटी भी जाती है, मगर इसका संचालन प्रभावित रहता है। समय से नहीं पहुंच पाती है। परेशानियों के कारण एमएसटी धारकों और रोजाना सफर करने वाले यात्रियों ने भी रेलवे को कई बार पत्र भी लिखा है।सेंट्रल स्टेशन से भी प्रयागराज मंडल को मेमू और थ्री फेज का प्रस्ताव भेजा गया है। इस बारे में एसीएम संतोष कुमार त्रिपाठी ने ये भी बताया कि कानपुर- लखनऊ के बीच मेमू के संचालन को लेकर लखनऊ और प्रयागराज मंडल के बीच बात चल रही है।जनवरी से पहले पूर्व की तरह मेमू संचालित हो सकती हैं। जिसमें कई ट्रेनें सेंट्रल की जगह गोविंदपुरी व पनकीधाम स्टेशन से भी चलने की संभावना है।