श्री राम सेवा समिति एवं कानपुर प्रेस क्लब के तत्वावधान में पितृ पक्ष के पावन अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का चतुर्थ दिवस श्री राम कृष्ण जन्मोत्सव के साथ संपन्न हुआ वृंदावन धाम से पधारे पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने कथा का प्रारंभ करते हुए बताया कि अपने भक्त अमबरीश की रक्षा करने के लिए भगवान अपने सुदर्शन चक्र को छोड़ देते हैं और अंत में दुर्वासा जी को अमरीश जी की शरण में जाने पर ही उस सुदर्शन चक्र से मुक्ति मिली अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए राजा भागीरथ जी के द्वारा गंगा जी को पृथ्वी पर लाया गया गंगा देव नदी है और जीव के सभी प्रकार के तापो का समन करने वाली है भगवान श्री राम अयोध्या में राजा दशरथ के घर में अवतार लेते हैं और अनेक प्रकार की बाल लीला करते हुए अपने भक्तों को सुख पहुंचते हैं श्री राम का जीवन हमें आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देता है श्री राम मर्यादा का पालन करते हैं और जीव के जीवन में जब तक मर्यादा रहती है तभी तक उसका कल्याण होता है जब पृथ्वी पाप के बोझ से बोझिल हो गई तब प्रथ्वी की प्रार्थना पर भगवान वासुदेव देवकी के यहां अवतरित हुए और वासुदेव जी के द्वारा उन्हें नंद बाबा के यहां पहुंचा दिया गया जहां पर धूमधाम से नंदोत्सव मनाया गया

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