कानपुर देहात के पुखरायां में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की यादें भी जुड़ी हुई हैं। वह जब-जब कस्बे में चुनावी बिगुल फूंकने आए तो सभी से अपनापन दिखाकर मिले। इस दौरान उन्होंने कार्य कर्ताओं में उत्साह भरा। पूर्व मुख्यमंत्री के निधन की सूचना पर पुराने समय को याद कर जिले के कार्यकर्ता भावुक हो उठे।
1992 में भोगनीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे सत्यप्रकाश संखवार के पक्ष में चुनावी सभा की। यहां उन्होंने लोगों से कह था कि हम वोट मांगने नहीं आए हैं, आपको सत्ता में सहभागी बनाने आए हैं। यहां पर श्याम सिंह सिसोदिया, वंशलाल कटियार, डॉ. विशंभर सचान, महावीर त्रिपाठी, अशोक द्विवेदी, संतोष, धीरज सचान ने स्वागत किया था।
1995 में आरएसजीयू इंटर कॉलेज में भाजपा की प्रांतीय बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें भी वह हिस्सा लेने के लिए आए थे। जिसमें राजेंद्र गुप्ता, सांसद श्याम बिहारी मिश्र, संतोष शुक्ल, प्रेमलता कटियार, भोलेसिंह सहित प्रदेश कमेटी के लोग मौजूद रहे थे।
उन्होंने बैठक के बाद अलग कक्ष में प्रमुख लोगों से मुलाकात भी की थी। उसी समय उनको अमरौधा में रामचंद्र गुप्ता के यहां डकैती पड़ने की सूचना दी गई थी। जहां से वह श्याम सिंह सिसोदिया और कमल मल्होत्रा के साथ रामचंद्र के घर गए थे।
पुखरायां के पटेल नगर निवासी संघ के स्वयं सेवक सत्यनारायण सचान की मृत्यु की सूचना पर उनके घर जाकर बेटे मुन्नू सचान और परिवारीजनों से मिले थे। सत्यप्रकाश संखवार ने बताया कि उनको हम बाबूजी कहते थे। वह अपने कार्यकर्ताओं से लगाव रखते थे। उनकी हर समस्या का समाधान करने का स्वयं प्रयास करते थे। वह राज्यपाल बनने के बाद तक यहां के लोगों के संपर्क में रहे।