*कानपुर नगर – गुजैनी थाना क्षेत्र स्थित* गुजैनी गांव में जर्जर मकान से मंडरा रहा खतरा, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा!?
*चंद पैसों के लालच में जर्जर मकान को उठाया किराये पर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा*
दरअसल ये मकान सालों पुराना है किसी घटना का शिकार होने से आज जर्जर हो चुका हैं। यही कारण है कि इनसे हादसों का डर है। समय पर प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए तो तेज बारिश और आंधी में ये जर्जर मकान, उनकी दीवारें, या कोई जर्जर हिस्सा ढह जाएगा। लोग किसी घटना का शिकार न बन जाएं।
*जर्जर मकान की अंदर से छत टूट कर गिरने से मकान मालिक ने खाली कर दिया था मकान, जर्जर मकान में दो परिवार करते थे निवास, एक परिवार ने क्षतिग्रस्त मकान को डर व दहशत में कर दिया खाली, वही दुसरे परिवार ने भी खाली कर चंद पैसों के लालच में जर्जर मकान को उठा दिया किराये पर,*
आपको बताते चलें गुजैनी थाना क्षेत्र के गुजैनी गांव स्थित म0न0 90 जो कि करीब 200 साल से ज्यादा समय पुर्व में इसका निर्माण होकर तैयार किया गया था,जिसमे करीब 6 पीढ़ियों तक के लोग निवास कर चुके हैं,पर आज यह मकान जर्जर होकर क्षतिग्रस्त हो गया है, जर्जर मकान की अंदर से छत टूट कर गिरने एवं और बिगत सात माह पहले मकान का छज्जा भी गिर गया था, घटना के बाद, भय का माहौल बन गया है। जर्जर मकान में निवास करने वाले लोग जर्जर मकान को खाली कर गये, तो वही जर्जर मकान का दुसरा पोर्सन किराये पर दे रखा है, जिसमें जर्जर मकान में किरायेदार अपने बीबी बच्चों के साथ गुजर बसर कर रहा है, जर्जर मकान के आस पास रहने वाले लोग डरे हुए हैं। जर्जर हालत का ये मकान कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता हैं। परन्तु मृतक मकान मालिक की बहु द्वारा लोभ लालच के कारण उक्त मकान को किराये पर देकर रकम वसूली जा रही है, क्षतिग्रस्त मकान कभी भी हादसे को दे सकता हैं दावत, आस पड़ोस के लोग डर व दहशत में रहने है मजबूर,
*मकान के अंदर की क्षतिग्रस्त स्थिति को देखा जाये डर व दहशत में आ जायेंगे कोई भी व्यक्ति एक घंटे भी ना रह सके, पता कब धराशाई हो जाये, ऐसे स्तिथि में एक ग़रीब परिवार जर्जर मकान को किराये पर लेकर बीबी बच्चों के साथ कैसे गुजर बसर कर रहा होगा,*
पिछले बिगत माह पूर्व कुछ मकानों के ध्वस्त होने के बाद एक बार प्रशासन भी जागा था। ऐसे मकानों के मालिकों को नोटिस भी दिए गए। मगर हालात फिर वही ढाक के तीन पात वाले हो गए। मकान मालिकों को हादसों से भय नहीं है तो प्रशासन भी गहरी नींद में है,