*श्रावणी उपाकर्म एवं रक्षाबंधन*

चावल मंडी स्थित श्री सत्यनारायण मंदिर में विद्वानों ने रक्षाबंधन को लेकर एक सभा की

जिसमें *पं. आनंद गौड़* ने कहा कि *भारतीय सनातन धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर अपने भाई को स्नेह का धागा (राखी) बांधती है जिसे राखी कहते हैं जो प्रतिवर्ष सनातन धर्म के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है रक्षा बंधन भाई बहन के रिश्तों का प्रसिद्ध त्योहार है जो इस वर्ष 19 अगस्त सोमवार को पड़ रहा है*

 

क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन का पर्व

*यह त्यौहार भगवान विष्णु द्वारा राजा बलि को वचन देकर राजा बलि के दरबार में रहना पड़ा तब लक्ष्मी जी ने राजा बलि को राखी बांधकर अपना भाई बनाया और भगवान विष्णु को राजा बलि के राज्य से भगवान विष्णु को आजाद कराया तभी से रक्षाबंधन त्यौहार मनाया जाता है*

 

*इस वर्ष 18 अगस्त की रात्रि 2:31 पर भद्रा लगेगी जो 19 अगस्त को अपराह्न 01:25 बजे तक है भद्रा के बाद ही रक्षाबंधन मनाया जाएगा*

 

*श्रावणी उपाकर्म में भद्रा का दोष नहीं लगता जो रक्षाबंधन के दिन प्रातः मनाया जाता है*

 

*मारवाड़ी समाज*

*में भद्रा पूरी होने के बाद सोन की पूजा होती हैं इसके बाद रक्षाबंधन मनाया जाता है तथा बहने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं पुरोहित यजमानों के रक्षा सूत्र बांधते हैं*

 

रक्षा सूत्र बांधने का मंत्र-

*येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।।*

 

सभा में उपस्थित विद्वानों में आनंद गौड़ विनय अवस्थी, सुशील कुमार गौड़, कृष्ण कुमार ,आशीष गौड़ ,श्रीश गौड़ ,अनिल और भी अन्य विद्वानजन उपस्थित रहे*

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