सावन के महीने में सोमवार के महत्व से तो हर कोई परिचित है, लेकिन इस महीने में पड़ने वाले शनिवार भी बहुत लाभदायी माना जाते है। माना जाता है कि सावन के शनिवार के दिन पूजा करने से शनि महाराज की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, इससे शनि की साढ़े साती व दोषों से भी निजात मिलता है। शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है। ये सभी को कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। ऐसी मान्यता है कि न्याय के देवता शनि शिव के भक्त हैं इसलिए वो इनके भक्तों को कभी नहीं सताते। ऐसे में ज्योतिषों के अनुसार शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने में भगवान शिव की सच्चे मन से अराधना करने से भक्त शनि की प्रकोप से बचे रहेंगे।

शनि देव जी को न्याय और कर्मों का देवता माना जाता है। 9 ग्रहों के समूह में इन्हें सबसे क्रूर माना गया है। लेकिन ऐसा नहीं है। भगवान सूर्य और उनकी पत्‍नी छाया की संतान शनि देव जी अगर किसी पर मेहरबान हो तो वो इसे धन-धान्य से परिपूर्ण कर देते हैं। ज्योतिष के अनुसार, शनि महाराज एक ही राशि में करीब 30 दिन तक रहते हैं। ये मकर और कुंभ राशि के स्वामी माने जाते हैं। भगवान शिव ने शनि देव को नवग्रहों में न्यायधीश का काम सौंपा है।

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