आज 27/7/2024 को सखी केंद्र एवं नेशनल अलायंस ऑफ़ वीमेन आर्गेनाइजेशन (NAWO) के संयुक्त तत्वाधान में सखी घरेलू कामगार महिलाओं के हक व अधिकार के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें 90 घरेलू कामगार व असंगठित कामगार महिलाओं की भागीदारी रही ।
कार्यक्रम का आयोजन व संचालन प्राची त्रिपाठी जी ने करते हुए, सर्वप्रथम मंच पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया, वह घरेलू कामगार लीडर्स और महिलाओं का भी स्वागत किया।
सर्वप्रथम सखी केंद्र की महामंत्री नीलम चतुर्वेदी जी ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा की हमारा देश लगभग 90 प्रतिशत मजदूरों का देश है, हर मौसम में खासकर बरसात में घरेलू कामगार महिलाओं के घरों से पानी टपकता है , उसी को भर-भर के फेंकना पड़ता है। घरेलू कामगार महिला का एक केस बताते हुए कहा महिला काम कर रही थी पार्षद के घर में उन्हीं के घर में करंट लगने से मौत हो गई जब हमारी संस्था की टीम ने जाकर बात की तो लोगों ने मना कर दिया ऐसी घटनाएं घरेलू कामगार महिलाओं के साथ होती रहती हैं, लेकिन महिला सोचती है हम न्याय के लिए लड़े, या की अपने परिवार व बच्चों का पेट भरे। ऐसी स्थिति में उसको अपना बच्चों का पालन के लिए, काम करना उसकी मजबूरी हो जाती है और वह न्याय की लड़ाई नहीं लड़ पाती है।
एमएसएमई से अमित बाजपेई ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की अगर आप लोग उत्पादन और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमारे विभाग मे प्रशिक्षण कार्यक्रम चलते है। अभी एक माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे होगा जिसमें अचार, पापड़, जैम, जेली, बेकरी केक, बिस्किट, फूड आइटम का प्रशिक्षण दिया जाएगा । जो भी लेना चाहते हैं वह ले सकते हैं, महिलाओं के लिए और एससी, एसटी के लिए निशुल्क प्रशिक्षण है और पुरुषों के लिए ₹500 का रजिस्ट्रेशन शुल्क है। पीएम विश्वकर्म योजना के बारे में भी जानकारी दी जिसमें 18 ट्रेड मे जो लोग रोजगार कर रहे हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं, तो उनको 5 दिन का प्रशिक्षण और आगे उनको 10 दिन का भी कराया जाता है और टूल किट भी निशुल्क दिया जाता है और जरूरत पड़ने पर उन्हें लोन भी दिलाने में मदद की जाती है। इसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है कभी भी आप लोग को कोई भी जानकारी लेनी हो तो, आप हमारे विभाग आकर पूरी जानकारी ले सकते हैं ।
लेबर डिपार्टमेंट से गंगेश्वर जी ने अपने विचार रखते हुए कहा, महिला वर्ग कैसे पिछड़ा है, एजुकेशन में सामाजिक बंधन, सूचना का भाव रहा, इन सब की वजह से महिलाएं पिछड़ी है, आज समाज में महिलाएं बाहर निकल रही है पैसे कमाने के लिए, रोजगार करने के लिए । महिलाओं को उतना मानदेय नहीं मिलता है, जितना वह काम करती है। उसके साथ-साथ तमाम समस्याएं भी रहती है। अपनी समस्याओं को संगठित होकर रखना होगा तभी आप जीत हासिल कर पाएंगी ।
विष्णु शुक्ला जी ने अपने विचार रखते हुए कहा दुनिया में आधी ताकत महिलाएं हैं, इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता । आप अपने महत्व को समझिए, आपकी ताकत से कानून बनता है, सरकार को लगता है कि दुनिया भर में इसी तरह महिला एकत्रित होगी तो विद्रोह भी हो सकता है, कानून सरकार ने दिखावा के लिए बनाया केस का फैसला आया परंतु जिस कार्य क्षेत्र में सेक्सुअल हरेसमेंट हुआ है परंतु उन्हें उसे हरेसमेंट का सामना करना पड़ता रहा है। आप लोग को जो श्रमिक मिलता है वह सही नहीं है, महिलाओं का कार्य स्थल पर उत्पीड़न ना हो, आपकी हर लड़ाई में हम आपके साथ हैं, आप किसी भी तरह का अन्याय उत्पीड़न सहन न करें, उसके खिलाफ आवाज उठाएं।
अनुज पांडे ने अपने विचार रखते हुए कहा की ट्रांसजेंडर के साथ भी बहुत तरह का भेदभाव होता है, एजुकेशन ना मिलने से, कही काम न मिलने से, ट्रांसजेंडर बहुत परेशान होते हैं। फैमिली से कभी सपोर्ट नहीं मिलता है। उनके लिए कोई अलग से शेल्टर होम भी नहीं है जहां वह रह सके। 2014 में कानून बना, 2019 में लागू हुआ, लेकिन सरकार का भी उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं है। आप सब लोग भी उनका सहयोग करें और समाज में जगह दे।
अर्चना जी ने अपने विचार रखते भी कहा 10 से 15% घरेलू हिंसा, घरेलू कामगार महिलाओं के केस आते हैं, उनके अधिकार पर कोई नियम कानून नहीं है। जो घरेलू कामगार महिलाएं पैसे कमाती है पुरुष लोग उनके पैसे छीन कर नशा करते हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में भी कई तरह की समस्या रहती हैं, फिर महिलाएं थक हार कर बैठ जाती है, सरकार क्राइम के लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे, तभी यह इनका जीवन में कुछ सुधार हो सकता है।
पुष्पा तिवारी ने अपने विचार रखते हुए कहा, हमारे पास बहुत गंभीर घरेलू कामगार महिलाओं के केसेस आते हैं। एक केस का उदाहरण दिया कि लगातार सखी केंद्र की टीम ने उनकी लड़ाई लड़ी और उनको जीत दिलाई, इस तरह के बहुत सारे केसेस घरेलू कामगार के न्याय के लिए सखी केंद्र ने देखे हैं और आगे भी इसी तरह से घरेलू कामगार महिलाओं के लिए सखी केंद्र हमेशा मदद करता रहेगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्राची त्रिपाठी, पुष्पा तिवारी, अर्चना पांडे, प्रभावती, माया कुरील, माया सिंह, अनुपम तिवारी, ममता गुप्ता, किरण तिवारी, कंचन शर्मा, राकेश अगरवाल, आसिफ खान एवं शमीर अहमद की भागीदारी रही ।