सपा ने संविधान मान स्तंभ की स्थापना करके आरक्षण का अधिकार दिवस मनाया

 

 

26 जुलाई सन 1902 को राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने संस्थान में आरक्षण का अंमल शुरू किया: पूर्व विधायक रामकुमार

 

समाजवादी पार्टी आज संविधान मान स्तंभ की स्थापना करके आरक्षण का अधिकार दिवस मना रही है । पीडीए को अधिकार तब ही मिलेंगे जब उचित रूप से आरक्षण का हक सबको मिलेगा। संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी प्रतिबद्ध है।आरक्षण की संकल्पना महात्मा ज्योतिराव फुले की है। उन्नाव से पूर्व विधायक रामकुमार ने बताया कि ज्योतिराव फुले का उद्देश्य सभी को संख्या के अनुपात में आरक्षण देना था। 26 जुलाई सन 1902 को राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने संस्थान में आरक्षण का अंमल शुरू किया। बाबा साहब ने आरक्षण को संवैधानिक दर्जा 26 जनवरी 1950 को दिया। उनका उद्देश्य हजारों सालों से जिनको संख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं था, उनको आरक्षण देना था अर्थात बहुजन समाज को राजनीतिक जमात बनाने हेतु उनमें से ही प्रशासक वर्ग निर्माण करना था।इसमें महात्मा ज्योतिराव फुले का अधूरा काम राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने करवीर अर्थात कोल्हापूर संस्थान में पूरा किया और महात्मा ज्योतिराव फुले और राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज का अधूरा काम बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान में आरक्षण की व्यवस्था करके पूरा किया। भाजपा सरकार निजीकरण करके नौकरियों में आरक्षण का अमल न करके इसे समाप्त कर रही है।यह सरकार युवाओं को नौकरियां भी सिर्फ इसलिए नहीं दे रही है जिससे कहीं आरक्षण न देना पड़ जाए और दलित,पिछड़े,वंचितों को उनका हक न मिल पाए।समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ० राममनोहर लोहिया ने सबके विकास के लिए पिछड़ों को विशेष अवसर दिए जाने की मांग उठाई थी।संविधान और आरक्षण खत्म करने का खतरा अभी टला नहीं है। जनता के संकल्पित प्रयास से संविधान विरोधियों को मात देने का सिलसिला रूकने वाला नहीं। हम सब लामबंद होकर नफरत का खेल खेलने वालों को सफल नहीं होने देंगे। अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का वैचारिक संघर्ष जारी रहेगा। समाजवादी लोग पीडीए की लड़ाई अनवरत जारी रखेंगे।

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