इमाम हुसैन की याद में लंगर ए आम
रसूल ने फरमाया हुसैन मुझे है मैं हुसैन से हूं
कानपुर,इमाम हुसैन की याद में लंगर ए आम जाजमऊ स्थित दादा मियां दरगाह के बाहर जहांगीरों के लिए लंगर ए आम का आयोजन सपा पूर्व प्रदेश सचिव महिला सभा उजमा इकबाल सोलंकी के नेतृत्व में किया गया।लंगर ए आम को देखकर राहगीरों की भीड़ उमड पड़ी उजमा इकबाल सोलंकी ने कहा कि दुनिया और समाज को इंसानियत का पैगाम देने के लिए इमाम हुसैन खुशी-खुशी शहीद हो गए चाहते तो दुनिया पलट सकते थे लेकिन इंसानियत का पैगाम दिया आज इमाम हुसैन की तपस्या बलिदान को दुनिया याद कर रही आगे कहा कि कर्बला का पैगाम यही है कि हर हाल में नमाज पढ़ना है आधी रोटी खाईये बच्चों को पढ़ाइये!आखिरी वक्त जब इमाम हुसैन अपने बड़े भाई इमाम हसन से मिलने आये तो उन्होंने पूछा कि भाईजान ये सब किसने किया, मुझे नाम बताएं मैं उसका कत्ल कर दूंगा। इस पर इमाम हसन ने कहा कि मुझे जिस पर शक है उसका नाम बताने पर तुम उसको कत्ल कर दोगे लेकिन अगर उसने मुझे जहर न दिया हो तो बरोज़े महशर मेरी पकड़ होगी इसलिए उसे अल्लाह पर छोड़ दो। अल्लाह बेहतर बदला लेने वाला है। जिसने भी ये किया है अल्लाह उसे इसकी सज़ा देगा।