कानपुर
कानपुर में एक भूमि विवाद को लेकर क्षत्रीय लेखपाल और आवास विकास अधिकारी हुए आमने-सामने
एंकर/// खबर कानपुर से है जहां पर जमीनों का विवाद तो हर रोज आप सुनते होंगे और जमीनों में हर जगह माफियाओं के हथकंडे देखने को मिले होंगे मगर आज बात करें नौबस्ता थाना क्षेत्र के चंडीपूर्वा की जहां पर रमाकांत गुप्ता की जमीन का कब्जा देने पहुंचे पुलिस बल के साथ आवास विकास अधिकारी और क्षेत्रीय लेखपाल जहां एक जमीन को लेकर बवाल खड़ा हो गया आपको बता दें भूमि मालिक रमाकांत गुप्ता ने बताया कि हमारी जमीन नौबस्ता थाना क्षेत्र के अंतर्गत चदीपूर्वा में लगभग आठ से 10 बिशुवा हमारी पैतृक जमीन है जिसकी आराजी संख्या 1232 है जहां पर आवास विकास ने लोगों के घर बनवा दिया और आवास विकास में रहने वाले लोगों से भरी वसूली कर रही है मगर वही हमारी जमीन जो करोड़ों रुपए कीमत की है जिसको माननीय न्यायालय द्वारा आदेश अनुसार जमीन को चिन्हित करने के लिए अधिकारियों को आदेशित किया गया है मगर यहां पहुंचे अधिकारियों ने एक पार्क में हमारी जमीन का कब्जा दे रहे हैं जिसका भूमि नंबर दूसरा है जिससे हम संतुष्ट नहीं हैं हमारी जमीन है वहां पर आवास विकास के अधिकारियों ने लोगों के घर बनवा रखा है वहीं एक पक्ष और सामने आ गया जो पासी समाज के लोगों ने भी इसका विरोध जताते हुए उन्होंने बताया की जो पार्क में रमाकांत गुप्ता को यह अधिकारी कब्जा दे रहे हैं वाह 35 से 40 साल पुराना पार्क है जहां वीरांगना उषा देवी की मूर्ति भी लगी हुई थी मगर कुछ षड्यंत्र कारी लोगों ने बलपूर्वक उस मूर्ति को यहां से हटा दिया है वही हमारा शासन प्रशासन से अनुरोध है कि यह पार्क हमारे समाज के लोगों के काम में आता है और पूर्वजों से इस पार्क में हम लोगों का कब्जा होता चला आ रहा है मगर कुछ लोगों ने इस पार्क में लगी वीरांगना उषा देवी की मूर्ति को हटा दिया है जिससे हमारा पासी समाज खासा नाराज है जिसको एक बार फिर हम अपील करते हैं शासन प्रशासन से की रमाकांत गुप्ता की जहां भी जमीन है उनको वहां पर कब्जा दिया जाए और पार्क की जगह पार्क ही रहने दिया जाए जिससे हमारे समाज को कोई ठेस न पहुंचे और हमारे समाज के लोग भी संतुष्ट रहें वही आवास विकास के अधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए बताया कि यह जमीन रमाकांत गुप्ता है जो माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार उनको दी जा रही है यहां पर कुछ मकान बन गए हैं इसलिए उनको संतुष्ट करने के लिए यहां पर कब्जा दिया जा रहा