जेल में डी 2 गैंग के सरगना अतीक पहलवान की मौत, कानपुर पुलिस ने 2007 में किया था गिरफ्तार

 

डी 2 गैंग के सरगना अतीक पहलवान की आगरा जेल में मौत हो गई है। अतीक पहलवान, जिसे 2007 में कानपुर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था, उस समय दो लाख रुपये का इनामी अपराधी था। 90 के दशक में न केवल कानपुर बल्कि पूरे प्रदेश और देश में डी 2 गैंग की तूती बोलती थी। अतीक पहलवान और उसके पांच अन्य भाई – शफीक, रफीक, बिल्लू, अफजाल ने इस गैंग को कुख्यात बना दिया था।डी 2 गैंग ने 1985 से 2005 के बीच कितनी हत्याएं कीं, इसका रिकॉर्ड खुद पुलिस के पास भी नहीं है। इस अवधि में गैंग ने अपनी गतिविधियों से पूरे इलाके में आतंक मचा रखा था। 2010 में डी 2 गैंग को इंटर स्टेट गैंग 273 के रूप में दर्ज किया गया था। गैंग के सदस्यों पर रंगदारी, प्रॉपर्टी विवाद, किडनैपिंग, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे सैकड़ों मुकदमे दर्ज थे।अतीक पहलवान की मौत ने एक बार फिर से इस कुख्यात गैंग की यादें ताजा कर दी हैं। डी 2 गैंग का सफाया एसटीएफ और कानपुर पुलिस ने मिलकर किया था। एसटीएफ के सिपाही की हत्या के बाद, पुलिस ने कड़ा कदम उठाते हुए गैंग के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया और अंततः गैंग का सफाया किया।

डी 2 गैंग के आतंक का प्रभाव इतना गहरा था कि कई वर्षों तक इस गैंग का नाम सुनते ही लोग दहशत में आ जाते थे। अतीक पहलवान और उसके भाइयों ने अपने आतंक से लोगों की जिंदगी को नर्क बना दिया था। उनकी मौत के बाद भी, उनके काले कारनामों की कहानियां आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं।अतीक पहलवान की मौत के बाद, पुलिस और प्रशासन ने आगरा जेल में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। इस घटना की जांच की जा रही है और पुलिस इस बात की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है कि अतीक की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई।

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