शालिग्राम से घर में सदैव लक्ष्मी का वास रहता है

 

मान्यता है कि घर में भगवान शालिग्राम हो, वह तीर्थ के समान माना जाता है। स्कंदपुराण के कार्तिक महात्म्य में देवाधिदेव महादेव भगवान शिवजी ने भी शालिग्राम की स्तुति की है।

 

बहुत से हिन्दुओं के घरों में शालिग्राम होता है। यह शिवलिंग से मिलता-जुलता एक पत्थर होता है जो कि नेपाल के मुक्तिनाथ, काली गंडकी नदी के तट पर ही पाया जाता है। शिवलिंग शिवजी तो शालिग्राम भगवान विष्णु का विग्रह रूप है। यह बहुत जाग्रत होते हैं।

 

इसे स्वयंभू माना जाता है यानी इनकी प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती। कोई भी व्यक्ति इन्हें घर या मंदिर में स्थापित करके पूजा कर सकता है। शालिग्राम अलग-अलग रूपों में मिलते हैं। कुछ अंडाकार होते हैं तो कुछ में एक छेद होता है।

 

शालिग्राम का पूजन तुलसी के बिना पूर्ण नहीं होता। यदि घर में शालिग्राम है तो उसकी नित्य पूजा में तुलसी अवश्य अर्पित करें। दैनिक पूजन में शालिग्राम को स्नान कराकर चंदन लगाकर तुलसी दल अर्पित करना और चरणामृत ग्रहण करना चाहिए। यह उपाय मन, धन व तन की सारी कमजोरियों व दोषों को दूर करता है।

 

विष्णु की मूर्ति से कहीं ज्यादा उत्तम है शालिग्राम की पूजा करना। शालिग्राम पर चंदन लगाकर उसके ऊपर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है। प्रतिदिन शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराया जाता है।

 

जिस घर में शालिग्राम का पूजन होता है उस घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है। शालिग्राम पूजन करने से अगले-पिछले सभी जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। शालिग्राम सात्विकता के प्रतीक हैं। उनके पूजन में आचार-विचार की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

 

काले और भूरे शालिग्राम के अलावा सफेद और ज्योतियुक्त शालिग्राम का पाया जाना तो और भी दुर्लभ है। पूर्ण शालिग्राम में भगवान विष्णु के चक्र की आकृति अंकित होती है। यह शालिग्राम घर में रखकर इसकी नित्य पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जन्मों का पाप कट जाता है।

विष्णु पुराण के अनुसार जिस घर में भगवान शालिग्राम हो, वह घर तीर्थ के समान होता है। शालिग्राम नेपाल की गंडकी नदी के तल से प्राप्त होते हैं।

 

कहा जाता है कि यदि घर में शालिग्राम की शिला रखी जाए तो उसमें रोज़ तुलसी दल या तुलसी की पत्तियां अर्पित करें। ऐसी मान्यता है कि तुलसी विष्णु प्रिया हैं और विष्णु जी को तुलसी अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शालीग्राम की पूजा में तुलसी का पत्ता भगवान शालीग्राम के ऊपर चढ़ाने से धन, वैभव मिलता है।

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