विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएसए में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

कानपुर नगर, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के वानिकी महाविद्यालय एवं सीफोर वर्ल्ड एग्रो फॉरेस्ट्री एशिया कॉन्टिनेंटल प्रोग्राम इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में “हमारी भूमि, हमारा भविष्य हम पीढ़ी बहाली हैं” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि परिदृश्य खेती के तौर तरीके तथा उत्पादन एवं उत्पादकता पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण फसल चक्र में भी बदलाव आ रहा है।डॉक्टर सिंह ने पर्यावरण प्रदूषण के कारण ग्लोबल वार्मिंग पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन तथा मानव स्वास्थ्य पर कुप्रभाव की चिंता करते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आज से ठीक 50 वर्ष पूर्व 5 जून 1973 से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत की गई।उन्होंने कहा कि हमारे दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग अधिक है जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत खतरनाक है।कुलपति ने कहा कि प्लास्टिक उपयोग में कमी लाई जानी चाहिए तथा रीसाइकलिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने उपस्थित लोगों से प्लास्टिक को कम से कम उपयोग में लाने के लिए आवाहन किया। इस अवसर पर वर्ल्ड एग्रोफोरेस्ट्री सेंटर के डॉक्टर एस के ध्यानी द्वारा विश्व पर्यावरण एवं कृषि वानिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न परियोजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। जबकि डॉक्टर एसपी सिंह आईआईएफएम भोपाल ने भी छात्राओं एवं उपस्थित जनों को संबोधित किया। कार्यक्राम आयोजक डॉक्टर मुनीश कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के बारे में विस्तार से जानकारी थी।इस अवसर पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ सी एल मौर्य,डॉक्टर पी के उपाध्याय,डॉ पीके सिंह एवं डॉक्टर कौशल कुमार सहित अन्य अधिकारी एवं वैज्ञानिक तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।।

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