कानपुर
पेड़ो की कटाई मिलीभगत से जारी
कानपुर चिलचिलाती धूप व तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की जा रही है. जिसकी वजह से जनजीवन बेहाल है. लोग गर्मी व धूप से परेशान होकर ईश्वर को ही कोसने लगे हैं. लेकिन ऐसे लोग यह कभी नहीं सोचते हैं कि इन सारी समस्याओं के लिए प्रकृति नहीं, हम भी जिम्मेदार हैं.क्योंकि पेड़ की कटाई रुकने का नाम नहीं ले रही चारों ओर हरे-भरे पेड़ व जगह-जगह तालाब दिखता था. वर्तमान समय में हरे-भरे पेड़ व तालाब की जगह आलीशान भवन नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि अब महाराजपुर के इस इलाके में भी दिनों-दिन यहां की हरियाली में कमी देखी जा है. धड़ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं. घरों में एसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है. पेड़ो की कटाई यही वजह है कि तापमान भी उसी रफ्तार में बढ़ रहा है। इसके अलावा लोगों ने निजी प्रयोग के लिए पेड़ों की कटाई भी की जलवायु परिवर्तन का बड़ा कारण है. पेड़ न सिर्फ हमें फल और छाया देते हैं, बल्कि ये वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड जैसी महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस को अवशोषित भी करते हैं. वर्तमान समय में जिस तरह से वृक्षों की कटाई की जा रही हैं, वह काफी चिंतनीय है. पेड़ वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने वाले प्रकृति यंत्र के रूप में कार्य करते हैं और उनकी समाप्ति के साथ हम वह प्राकृतिक यंत्र भी खो रहे हैं. यही कारण है कि कानपुर के इस इलाके में अचानक मौसम का रुख तेजी से बढ़ने लगा है. अगर समय रहते सचेत नहीं हुए तो गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।