आज दिनांक 29 मार्च 2024 को सखी केंद्र के तत्वाधान में, स्थान कचहरी परिसर लॉयर्स एसोसिएशन के हाल में एक महिला अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें सखी केंद्र द्वारा देखे जा रहे महिला हिंसा के गंभीर मामलों को उसमें रखा गया तथा उनको अपनी आप बीती रखने का मौका दिया गया, तथा कार्यक्रम का संचालन पुष्पा तिवारी जी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से लॉयर्स एवं बार एसोसिएशन के पदाधिकारी रहे। कार्यक्रम में 68 मामले देखे गए।

सखी केंद्र की महामंत्री नीलम चतुर्वेदी जी ने कहा कि, की जिंदगी में कभी ना कभी हर व्यक्ति के सामने कोई ना कोई बड़ी समस्या या छोटी समस्या आती है हर व्यक्ति एक पीड़ित की तरह होता है लेकिन दो तरह के लोग होते हैं एक अपनी समस्याओं को ओढ़ लेते हैं और उन्हें में उलझी रहती हैं जिंदगी भर दूसरे वह लोग होते हैं जो यह मां के चलते हैं की समस्याएं आई हैं तो हम उन्हें ठीक भी कर लेंगे जो अपराधी है उन्हें हम सजा दिलवा कर रहेंगे और यह तय करते हैं कि हमें कहां किस किस मदद लेनी है सब की सहनशक्ति अलग-अलग है, लेकिन हमें पीड़िता का जीवन छोड़कर बहुत जागरूक होने की आवश्यकता है कि हमारे पास जो भी संसाधन है उनमें बेहतर तरीके से न्याय मिल सके, और यह प्रयास रहे कि हमारा समय, श्रम व अर्थ, तीनों की बचत रहे। सखी केंद्र के नाम पर यदि कोई पैसा मांगता है तो उसकी आप शिकायत संगठन में कर सकते हैं।

 

सखी केंद्र की अर्चना पांडे जी ने संस्था के उद्देश्य के बारे में बताते हुए बताया कि, महिला अदालत करने का उद्देश्य यह है कि लंबे समय से चल रहे मामले जिसकी बेहतरी के लिए सही परामर्श दिलाया जाये, जिसमें सही समय पर कार्यवाही पूरी की जा सके तथा पीड़िता को न्याय मिल सके।पुष्पा तिवारी जी ने संस्था के बारे में बताते हुए कहा कि, महिला अदालत पिछले 42 वर्षों से सखी केंद्र द्वारा वूमेंस कोर्ट आयोजित की जा रही है तथा सभी पीड़ित बहनों को आश्वासन दिया की फाइलों में परामर्श लेकर उचित कार्यवाही के लिए बढ़ें।

 

साथ ही लॉयर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता, महामंत्री अभिषेक तिवारी ने महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि न्याय में देरी हो सकती है, परंतु सच्चाई की जीत होती है। वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र जी ने कहा कि, सखी केंद्र की नीलम चतुर्वेदी जी महिलाओं के हक व अधिकार के लिए हमेशा से अपनी आवाज उठाती चली आ रहीं हैं, यह एक सराहनीय कार्य कर रहीं है । हम सखी केंद्र से भेजे गए मामलों को गंभीरता से लेते हुए उन्हें न्याय की प्रक्रिया तक पहुंचाएंगे।

 

लॉयर्स लाइब्रेरियन सर्वेश जी ने भी महिलाओं के उत्पीड़न को गंभीरता से लेते हुए सुझाव दिए, और बताया कि सखी केंद्र की भूमिका हमारे कानपुर में ही नहीं बल्कि आसपास के शहरों में बहुत सराहनीय है और मैं व्यक्तिगत तौर पर हर हाल में सखी केंद्र के जो भी मामले हैं, उन्हें अपने स्तर से निशुल्क देखने का प्रयास करूंगा। आज जो भी महिलाएं एकत्रित हुई हैं उनके मामले बहुत गंभीर हैं, उसमें दहेज हत्या, पारिवारिक विवाद, यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, जैसे मामले से जुड़ी बहने आई हैं जिनकी गोपनीयता का ध्यान रखना है। इसी क्रम में अधिवक्ता श्याम सिंह चंदेल, अभिषेक तिवारी, जितेंद्र सिंह तोमर, इत्यादि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

 

वरिष्ठ अधिवक्ता करीम जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, सखी केंद्र का कार्य बहुत ही सराहनीय है। मैं पिछले 20 वर्षों से जुड़कर अपना योगदान कर रहा हूं, साथ ही महिलाओं के पारिवारिक विवाद के मामलों में लड़कियां परेशान होने लगते हैं, उन्हें लगता है कि हम दौड़ रहे हैं लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है, लेकिन कानूनी लड़ाई में मानसिक रूप से परिस्थितियों से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिससे आपका जोश कम नहीं होगा और उन्होंने दुष्कर्म, दहेज हत्या, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, जैसे गंभीर मामलों में परामर्श दिया, वह पीड़िता के सवालों के जवाब दिए।

 

कार्यक्रम में महिला हिंसा से संबंधित कुल 68 मामले देखे गए जिनका विवरण निम्नलिखित है :- पारिवारिक विवाद – 3, तलाक – 3 , गुजारा भत्ता – 6, संपत्ति विवाद – 5, घरेलू हिंसा – 14, अन्य – 4, दुष्कर्म – 16, प्रेम संबंध – 5, छेड़छाड़ – 6, दहेज उत्पीड़न – 6। इन सभी मामलों को 25 वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा परामर्श दिलाया गया। अधिवक्ता ज्योति मिश्रा, सविता भारती, नीरू चौहान, दुर्गेश सक्सेना, विशाल सिंह, इत्यादि ने परामर्श दिया।

 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से पुष्पा तिवारी, अर्चना पांडे, प्राची त्रिपाठी, माया कुरील, माया सिंह, किरण तिवारी, प्रभावती, ममता गुप्ता, मीणा, कंचन शर्मा, राकेश अग्रवाल की सहभागिता रही।

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