आज दिनांक 5 मई 2024 दिन रविवार को आई०एम०ए० कानपुर एवं अपोलो मैडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में एक सी०एम०ई० प्रोग्राम का आयोजन ” टेंपल ऑफ सर्विस, सेमिनार हाल आईएमए परेड कानपुर में रात्रि 7:30 बजे किया गया। इस सी०एम०ई० के डॉ भरत दुबे, एमएस, एमसीएच (एम्स दिल्ली)वरिष्ठ सलाहकार सीटीवीएस (वयस्क एवं बाल चिकित्सा), हृदय प्रत्यारोपण अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल, लखनऊ

ने “वयस्क और बाल हृदय सर्जरी में हालिया प्रगति।” के विषय पर एवम द्वितीय वक्ता प्रोफेसर अमित गुप्ता एमडी, डीएनबी (नेफ्रोलॉजी), एफआरसीपी (लंदन) निदेशक एचओडी नेफ्रोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल, लखनऊ ने : “सीकेडी की रोकथाम” विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किया।

 

आई०एम०ए० कानपुर की अध्यक्ष डा० नंदिनी रस्तोगी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इन बीमारियों की गम्भीरता के विषय में बताया। प्रथम वक्ता का परिचय डॉ ए के त्रिवेदी चेयरपर्सन वैज्ञानिक सब कमेटी ने दिया एवं प्रो विनय कृष्ण पूर्व डॉयरेक्टर एलपीएस इंस्टिट्यूट कानपुर ने विषय पर प्रकाश डाला।

द्वीतीय वक्ता का परिचय डॉ देशराज गुजर, वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट कानपुर ने दिया एवं डॉ अर्चना भदौरिया, वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट कानपुर ने विषय पर प्रकाश डाला

 

कार्यक्रम का संचालन डा० मनीष निगम वैज्ञानिक सचिव आई०एम०ए० कानपुर ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के आईएमए के सचिव डॉ कुनाल सहाय ने दिया।

 

वक्ताओं ने बताया कि संलग्न

 

डॉ अमित गुप्ता – जीवन शैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव जरूरी है जैसी की ब्लड प्रेशर एवं डायबिटीज में नियंत्रण, नमक का कम सेवन, हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग, फलों का अधिक सेवन करें यदि गुर्दे की बीमारी न हो तो खास करके दर्द की दवाई खुद से न ले , एंटीबायोटिक्स भी किसी डाक्टर की सलाह पर ही ले। जो गैस की दवाई होती है उनको भी ज्यादा टाइम तक न लें। पानी पर्याप्त मात्रा में लें यदि कोई शारीरिक तकलीफ हो सूजन ,पेशाब में जलन ,दर्द आदि में तुरंत खासकर जिन्हे डायबिटीज की बीमारी है तो जांच अवश्य कराएं और अभी कुछ नई दवाई आदि जो गुर्दे की बीमारी को धीमा करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

 

डॉ भरत दुबे ने बताया की शुगर , बीपी, धूम्रपान, हाई कोलेस्ट्रोल, खराब जीवन शैली, कसरत न करना दिल के बीमारी के प्रमुख कारण हैं और बीपी, शुगर कंट्रोल व जीवन शैली में सुधार करके व समय से इलाज करके गंभीर हालत से बचा जा सकता है

 

 

आज के प्रथम सत्र के चेयरपर्सन प्रोफेसर (डॉ) विनय कृष्ण, पूर्व निदेशक, एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी, कानपुर, प्रोफेसर (डॉ) राकेश वर्मा, निदेशक, एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी, कानपुर, प्रोफेसर (डॉ) उमेश्वर पांडे, प्रोफेसर एवं प्रमुख कार्डियोलॉजी विभाग, एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी, कानपुर थे

 

दूतीय सत्र के चेयरपर्सन डॉ. अर्चना भदुरिया, वरिष्ठ सलाहकार नेफ्रोलॉजिस्ट, कानपुर, प्रोफेसर सौरभ अग्रवाल, मेडिसिन विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर, डॉ देशराज गुजर, वरिष्ठ कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजिस्ट, कानपुर थे।

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डॉ कुणाल सहाय

सचिव

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