कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम में चयन कराने को लेकर पैसे लेने व धोखाधड़ी करने को लेकर गोरखपुर के एक खिलाड़ी सत्यप्रकाश द्वारा अनुराग मिश्रा व अन्य के खिलाफ कोतवाली उन्नाव में 8 अप्रैल को एक एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसके बाद उन्नाव निवासी अनुराग मिश्रा ने उन्नाव न्यायालय सीजेएम में 23 अप्रैल को गोरखपुर निवासी उपेद्र यादव पुत्र रामानंद यादव तथा सत्य प्रकाश यादव पुत्र महेंद्र यादव निवासी के खिलाफ मुकदाम दर्ज कराया है।
अनुराग ने जो मुकदाम दर्ज कराया गया उसमें कहा गया है कि वह बच्चों को क्रिकेट का प्रशिक्षण देता है। उपेंद्र यादव जो पुलिस विभाग में आर्मोरर के पद है, उन्होंने फेसबुक के माध्यम से मुझसे संर्पक साधा फिर व्यक्तिगत रूप से मिले और धीरे-धीरे काफी प्रगढ़ता बन गयी। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनका भतीजा सत्य प्रकाश यादव क्रिकेट का अच्छा खिलाड़ी है फिर भी उसका चयन नहीं हो पा रहा है यदि क्रिकेट की शीर्ष संस्था के खिलाफ कोई मुकदमा कर दिया जाये तो उसके चयन हेतु अच्छा दबाव बन जायेगा। चूंकी वह पुलिस में है लिहाजा उन्होंने मुझपर पिटीशनर बनने का दबाव डाला। साथ ही कहा कि जो भी खर्चा आयेगा वह उसे खाते में ट्रांसफर कर देगा। इसके बाद उसने और उपेंद्र ने आपसी सहमित से दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष बोर्ड आफ कंट्रोल फार क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीसीआई) व अन्य के खिलाफ एक रिट दाखिल की। हालांकि दबाव बनाने के बाद भी सत्यप्रकाश का चयन इच्छानुसार नहीं हुआ। इस बीच पता चला कि क्रिकेट आपरेशन मैनेजर एलविन गायकवाड द्वारा 16 नवंबर 2021 को सत्यप्रकाश को दो वर्षों के लिए बीसीसीआई के सभी टूर्नामेंट में प्रतिभाग करने से रोक दिया है। जिसका कारण सत्य प्रकाश द्वारा छल व कूटरचना करके अपने जन्म प्रमाण पत्र दो स्थानों से तैयार करवाये गये थे। जिसमें 2015-16 में झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन में प्रस्तुत किया गया था, जो वहीं का बना था। वहां अयोग्यता के कारण जब चयन न हो सका तो सत्यप्रकाश द्वारा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित स्थान पुरासपार, उनवल में जन्म होना दर्शित करके नवीन प्रमाण पत्र क्रिकेट बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया। चूंकी बीसीसीआई के पास सभी राज्यों का डाटा रहता है इस कारण फोर्जरी ट्रैप हो गया और सत्यप्रकाश पर दो वर्ष का बैन लगा दिया गया। जब सच का पता लगा तो उल्टा मुझसे दिल्ली में दाखिल मुकदमे पर खर्च हुए पैसे वापस मांगने का दबाव डाला साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी। जिसकी सूचना लिखित रूप में उन्नाव कोतवाली में की थी लेकिन उसपर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इसलिये न्यायालय प्राथी से साक्ष्य लेकर अभियुक्तगणों को तलब कर दंडित करने की कृपा करे।
8 अप्रैल को कोतवाली उन्नाव में सत्यप्रकाश ने अनुराग व अन्य के खिलाफ जो एफआईआर करायी थी उसमें कहा गया था कि वह वर्तमान समय में अपने चाचा के यहां रिर्जव पुलिस लाइन कानपुर नगर में निवास कर रहा है। वह क्रिकेट का खिलाड़ी है यूपीसीए में अंडर-14, 16, 19 व 23 में कैंप किया तथा लगातार अच्छा प्रर्दशन भी किया लेकिन टीम में चयन नहीं हो पा रहा था। इसी दौरान अनुराग पुत्र आदित्य प्रकाश मिश्रा निवासी बसंत बिहार निकट शेख फार्म हाउस कांशीराम कालोनी से मुलाकात हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि इसी तरह मरते रहोगे, तुम्हारा चयन नहीं हो पायेगा। मेरी पहुंच बहुत ऊपर तक है। मैं तुम्हें एक शक्स से मिलवा दूंगा जो तुम्हारा चयन करा देंगे। झासे में लेने के बाद मुझसे दस लाख रूपये मांगे, तो मैंने अनुराग को आठ लाख नगद, 1.5 लाख चाचा के एकाउंट से आनलाइन ट्रांसफर किये तथा उनके भाई अनुभव मिश्रा को 75 हजार को भी चाचा ने आनलाइन ट्रांसपर किये। इसके अलावा अपने पिता महेंद्र यादव के एकाउंट से 20 हजार आनलाइन ट्रांसफर किये। पैसे लेने के बाद जब चयन नहीं हुआ तो मुझसे इधर-उधर की बाते करने के अलावा मेरा कैरियर खत्म करने की धमकी दी।