मतदान सभी का नैतिक कर्तव्य.. ज्योति बाबा

 

लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदान जरूर करें…ज्योति बाबा

 

श्रेष्ठ सरकार के लिए सभी करें मतदान…ज्योति बाबा

 

कानपुर । दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत है कितने बड़े देश में सभी धर्म के लोग अनेकता होने के बावजूद एकता के साथ रहते हैं हम सभी अधिकारों की मांग तो करते हैं परंतु जब उन अधिकारों के तहत कर्तव्यों के निर्वाहन की बात आती है तो हम वह जज्बा नहीं दिखाते हैं जो दिखाना चाहिए,भारत का संविधान सभी देश के नागरिकों को मतदान का अधिकार देता है इस अधिकार का प्रयोग हम सभी को अपना पहला कर्तव्य मानते हुए पूरा करना चाहिए उपरोक्त बात नशा मुक्त समाज आंदोलन के तहत सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में जूही हमीरपुर रोड व्यापार मंडल के सहयोग से मतदान चौपाल एवं मतदान शपथ कार्यक्रम के अवसर पर दीप होटल में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने कहा कि हमें अपने वोट को बहुत तुछ लालच में नहीं दान करना चाहिए क्योंकि आपका मतदान में अविवेकपूर्ण निर्णय आपके बच्चों को जीवन भर की अर्ध गुलामी दे सकता है इसीलिए समाज को नई दिशा देने के लिए हमें अच्छी सरकार को चुनना होगा, लोकतंत्र की खूबी मतदान ही है, इससे सशक्त और मनचाही सरकार बनती है।

ज्योति बाबा ने कहा कि नशा के कारण अक्सर लोग मतदान को प्रभावित करने का काम करते हैं हमें अपनी निष्ठा से ऐसी हरकतों को अंजाम देने वालों को न सिर्फ बेनकाब करना होगा बल्कि लोगों को जागरूकता के द्वारा बचाना भी होगा। मिडास के उपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मेरी एक वोट से क्या होगा ऐसा नहीं सोचना चाहिए क्योंकि हर वोट बहुत कीमती है।  अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर के डी त्रिपाठी ने कहा कि 18 साल की उम्र वाली नौजवान वोटर जिन्होंने पहली बार अपने वोट के हक का इस्तेमाल करना है वह अपने वोट की कीमत समझे,कि हर वोटर को इस बात को ध्यान में रखकर वोट देना चाहिए कि कौन प्रत्याशी और सरकार हमारे समाज,राज्य और देश के लिए अच्छी है कौन आम जनता के मुद्दों की बात करता है। संजीव अग्निहोत्री ने कहा कि एक मत से भी प्रत्याशी की हार जीत होती है ऐसे में सभी को अपना बहुमूल्य मतदान जरूर करना चाहिए।

अंत में योग गुरू ज्योति बाबा ने सभी को पहले मतदान फिर जलपान की शपथ दिलाई। अन्य प्रमुख डॉ मोहम्मद तंजीम, सोमनारायण त्रिपाठी, अजीत भारती,एडवोकेट शाहिद कुरैशी इत्यादि थे।

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