पैगम्बर फरमाते शाबान मेरा महीना है और रमजान अल्लाह का महीना है इस लिए हमें इस महीने में जियादा से जियादा तौबा

 

 

कानपुर, शाबान का महीना रमजान की तैयारी का महीना है पैगम्बरे इस्लाम इस महीने अक्सर दिनों में रोज़ा रखते थे और फरमाते शाबान मेरा महीना है और रमजान अल्लाह का महीना है इस लिए हमें इस महीने में जियादा से जियादा तौबा इस्तिग्फार,नमाज़,रोज़ा और वजीफों में मशगूल होना चाहिए ताकि आने वाले रमजान के महीने में हमारा यही मामूल रहे और हम उस की बरकतों से मालामाल हों इन बातों को जामिया अशरफुल बनात (निसवां) गद्दियाना के खादीजतुल कुबरा हाल में आल इण्डिया गरीब नवाज़ कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रात मौलाना मो.हाशिम अशरफी इमाम ईदगाह गद्दियाना की सरपरस्ती में आयोजित आठवीं बार सालाना अहले बैत कांफ्रेंस में आलिमात ने संयुक्त रूप से कहा | आलिमा शिफ़ा सिद्दीक़ा क़न्नौज ने कहा अहले बैत का मकाम व मर्तबा बहुत बुलंद है उन का एहतराम व आदर हर मोमिन पर ज़रूरी है खुद हुज़ूर ने फ़रमाया हज़रत अली व फातमा ,हसन व हुसैन रदी अल्लाहु अन्हुम अहले बैत हैं | आलिम आयशा सिद्दीक़ा क़न्नौज ने कहा तारीख़े इस्लाम अहले बैत की कुरबानियां और उनकी खिदमात के ज़िक्र के बगैर मुकम्मल नहीं हो सकती | इस्लाम को फैलाने मैं अहले बैत और अजवाजे मुताह्हिरात (हुज़ूर कि पत्नियाँ ) का बड़ा अहम् रोल है | उनकी क़ुरबानी,परहेज़गारी,इबादत पूरी उम्मत के लिए नमूना है | अहले बैत व अजवाजे मुताह्हिरात (हुज़ूर कि पत्नियाँ ) की पूरी ज़िन्दगी इस्लाम कि तालीमात पर अमल करने और फैलाने में गुज़री | अहले बैत व अजवाजे मुताह्हिरात (हुज़ूर कि पत्नियाँ ) का फिक़ा व हदीस में बहुत बुलन्द मर्तबा है| हुज़ूर के पर्दा फरमाने के बाद सहाबा तमाम मसअलों में उन्हीं कि तरफ जाते और उनके मशवरों पर चलते | हज़रत आयशा रज़ील्लाहू अन्हा से 2200 हदीसें और हज़रत उम्मे सलमा रज़ील्लाहू अन्हा से 378 हदीसें हज़रत मैमुना रज़ील्लाहू अन्हा से 75 हज़रत उम्मे हबीबा रज़ील्लाहू अन्हा से 65 हज़रत हफ्सा रज़ील्लाहू अन्हा 60 हदीसें रिवायत हुईं |आलमीन फ़ातिमा ने संचालन किया | नूर सबा,रुखसार फ़ातिमा,आरज़ू फ़ातिमा,खुशनुमा फ़ातिमा,सूफिया खातून,.नुज़हत फ़ातिमा,फ़रीना अशरफी,सानिया परवीन,कशिश अंसारी,कनीज़ फ़ातिमा,जमाते सलिसा,जमाते राबिया,जमाते खमसा समेत जामिया की छात्राओं ने हम्द,नात,मन्क़बत,व नज़्म के नज़राने पेश किये सलाम और मुल्क में अमान के लिए दुआ पर जलसा ख़त्म हुआ तबर्रुक बाँटा गया कई सौ महिलाएं परदे के साथ उपस्तिथ रहीं |

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