कानपुर

 

न्याय की गुहार लगाता ब्राह्मण परिवार आज आमरण अनशन पर कमिश्नर कार्यालय के बाहर बैठ गया ।

 

इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए अपने नाबालिक बेचे के लिए न्याय की गुहार लगाई ।

 

पुलिस के उदासीन रवैये से परेशान परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा हुई धूमिल ।

 

विगत अक्टूबर में प्रकाश में आये एक धर्मान्तरण के मामले में पीड़ित को अभी तक न्याय नही मिल सका है साथ ही पुलिस का उदासीन और पक्षपातपूर्ण रवैये से आहत हो कर पीड़ित नाबालिक के माता पिता पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर आमरण अनशन लर बैठ गया है । पिता अखिलेश का कहना है कि

कानपुर पुलिस न्याय संगत कार्य नहीं कर रही है इस कारण से वह अपने पूरे परिवार के साथ इच्छा मृत्यु का अनुरोध कर रहे है, महामहिम राष्ट्रपति महोदय से भी उन्होंने मृत्यु की अनुकंपा प्रदान करने की गुजारिश की है ।

आपको बता दे कि बीते अक्टूबर में कानपुर कैंट थाना अंतर्गत एक निजी स्कूल की शिक्षिका पर धर्मान्तरण का आरोप लगा था पीड़ित परिवार ने जिसकी लिखित शिकायत थाने में करी थी अखिलेश जी ने शिकायत करी थी कि स्कूल की एक महिला टीचर व उसका पति, एवम महिला का भाई उनके बच्चे के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट का दबाव बनाकर उसका धर्मांतरण कराने का प्रयास कर रही है ।

महिला टीचर सोशल मीडिया आईडी पर बच्चों से बात करती थी जिसके कुछ अंश उन्होंने स्क्रीनशॉट के संलग्न कर शिकायत दर्ज करवाई थी।महिला टाचेल अपना गुनाह भी स्वीकार कर चुकी है लेकिन उसके बाद दो बार 30.09.2023 को वापस महिला टीचर का फोन मुझे आता है कि आगे से कोई गलती नहीं करूंगी, मेटर को यहीनपर खत्म कर दो। परंतु उसी शाम को स्कूल के ही एक टीचर ने भाई बनकर मुझे धमकाते हुए फोन कियाऔर मामले के पीछे हटने की धमकी भी दी ।

सभी साक्ष्य एस०एच०ओ अजय कुमार सिंह को दिए। परंतु कानपुर कैंट के ए०सी०पी०, एस०एच०ओ०,उपनिरीक्षक व अन्य कई समस्त लोग स्कूल प्रशासन से मिली भगत करके मेरा मुकदमा नहीं दर्ज किया बल्कि मुझे थाने बुलाकर स्कूल प्रशासन के सामने बैठक कर कईयों बार करने का प्रयास किया गया । वही अभिवावक द्वारा कानपुर कमिश्नर आफिस के अंदर न्याय मिलने से आमरण अनशन पर बैठे छात्र के माता पिता को स्टाफ आफिसर अमृता सिंह ने अपने कार्यालय में बैठा कर मामले की जानकारी कर दुबारा जांच के आदेश दिए है।।

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