संगीत के माध्यम से सुदामा चरित की कथा-पुखरायां

पुखरायां । कस्बे के बड़े महादेवन मन्दिर के परिसर में सावन माह के अवसर पर लगातार से चल रही श्री मद भगवत कथा के अन्तिम दिन आचार्य गिरजा शंकर पाण्डेय ने संगीत के माध्यम से सुदामा चरित्र की कथा श्रद्धालुओं को सुनाते हुए कहा , भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता होनी चाहिए । वही पर कथा सुनते ही भाव विभोर हुए , भगवान श्री कृष्ण के जयकारे श्रद्धालुओं ने लगाए , इसके बाद कथा विराम होने पर परीक्षित सदन गुप्ता पत्नी बीना गुप्ता ने आरती किय और प्रसाद वितरण किया ।
कस्बे के बड़े महादेवन मन्दिर में सावन माह के अवसर पर लगातार चल रही श्री मद भगवत कथा में अन्तिम दिन आचार्य गिरजा शंकर पाण्डेय ने संगीत के माध्यम से सुदामा चरित की कथा सुनाते हुए कहा की लेकिन मित्रता भगवान श्रीकृष्ण ने इस संसार को सच्ची मित्रता का पाठ पढ़ाया है भगवान श्री कृष्ण औऱ सुदामा एक ही गुरु जी के यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे थे , भगवान श्री कृष्ण और सुदामा सच्चे मित्र थे , सुदामा एक अत्यन्त गरीब ब्राह्मण थे , एक बार उनकी पत्नी सुशीला ने अपने मित्र श्री कृष्ण के पास जाने के लिये कहा भगवान श्री कृष्ण आपकी मदद जरूर करेंगे। पत्नी की बात सुन सुदामा ने कहा विपत्तियों में कहीं नहीं जाना चाहिए। अगर मैं वहां जाता हूं, तो मेरे पास कुछ ले जाने के लिए नही है। सुशीला पड़ोस के घर से दो मुठ्ठी चावल लेकर आती है और अपने आंचल में बांधकर सुदामा को देकर श्रीकृष्ण के पास भेजती है। द्वारपाल श्रीकृष्ण को बताते हैं कि एक भिखारी आया है। कह रहा है कि कृष्ण मेरा मित्र है और अपना नाम सुदामा बता रहा है। यह सुनते ही श्रीकृष्ण नंगे पांव दौड़ते हुए सुदामा के पास पहुंचे और गले लगा लिया। यह प्रसंग सुनकर कथा प्रांगण में बैठे श्रद्धालु भाव विभोर हो गए ,श्रद्धलुओं ने भगवान श्री कृष्ण के जयकरे लगाए , इसके बाद कथा विराम होने पर सदन गुप्ता पत्नी बीना गुप्ता ने आरती किय और प्रसाद वितरण किया इस मौके पर मुन्ना पुजारी ,शिवम गुप्ता , मनोज गौड़ , लल्ला तिवारी , रवि मिश्रा , जगमोहन गिरि आदि लोग मौजूद रहे है l

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