श्री शनि साई धाम मंदिर गणेश पार्क गांधी नगर के 24 वे वार्षिकोत्सव के उपलक्ष में चल रहे सीताराम महायज्ञ और श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत वृंदावन से पधारे पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने पंचम दिवस की कथा के अंतर्गत बताया कि अगर हमारे जीवन में कोई भी कष्ट आ जाए तो हमें विचलित नहीं होना चाहिए उसका सामना करना चाहिए भगवान को मारने आई पूतना को भी भगवान ने सद्गति प्रदान की इस लीला माध्यम से भगवान ने हमें यह शिक्षा देते की हमारे साथ अच्छा व्यवहार न करने वाले के साथ भी हमे अच्छा ही व्यवहार करना चाहिए गर्गाचार्य जी ने भगवान का नाम कृष्ण रखा द्वारा क्योंकि कृष्ण का अर्थ होता है आकर्षित करना भगवान ने अनेक बाल लीलाएं की भगवान ने माखन चोरी लीला के द्वारा भगवान अपनी भक्त गोपिकाओं के यहां जाकर उनका माखनचुराकर ग्वाल बालों के साथ खाते हैं इस लीला के माध्यम से समाज में फैले अमीरी और गरीबी के भेदभाव को दूर करके वह दोनों के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का संदेश देते हैं भगवान सदेव बांसुरी धारण करते हैं क्योंकि बांसुरी में तीन प्रमुख गुण है 1 वह मौन रहती है 2 सदा मीठा बोलती है 3 उसमें कोई गांठ नहीं होती है हमें भी सदैव मीठी वाणी बोलनी चाहिए और जीवन में किसी के प्रति द्वेष ईर्षया आदि नहीं होनी चाहिए तभी हम भगवन की कृपा प्राप्त कर सकते हैं गौ की सेवा कर भगवान गोपाल कहलाए भगवान ने इंद्र के अहंकार को दूर करने के लिए भगवान गिरिराज गोवर्धन का पूजन प्रारंभ कराया तब इंद्र के क्रोध से हुई भयंकर मूसलाधार बारिश से भक्तों को बचाने के लिए भगवान ने गिर्राज पर्वत को धारण किया इसलिए भगवान का एक नाम गिरधारी पड़ा सभी भक्तों के द्वारा भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए भक्तों ने गिर्राज भगवान की झांकी का भी दर्शन किया महाराज जी द्वारा गाए हुए भजन “” मैं तो गोवर्धन को जाऊं मेरे पीर नहीं माने मेरा मनवा”” इस भजन पर कथा पंडाल में उपस्थित सब झूम उठे और भगवान गोवर्धन की परिक्रमा की इस अवसर पर महेंद्र नाथ शुक्ला दादा ,पं गंगा शरण दीक्षित ,श्रीमती रश्मि शुक्ला ,राजकुमार गुप्ता ,पं विनोद अग्निहोत्री, आचार्या संतोष जी ( पाधा जी ) आचार्या प्रदीप बाजपेई जी ,श्रीमती सरिता गुप्ता ,श्री आलोक अग्रवाल ,पंडित राहुल जी ,स्वाति अग्रवाल ,राजेंद्र नाथ शुक्ला , आदि सैकड़ो भक्त उपस्थित रहे

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