मूलभूत और आवश्यकतानुसार हर मुस्लिम के लिये धार्मिक(दीनी) शिक्षा प्राप्त करना आवश्यक है

 

कानपुरः- धार्मिक शिक्षा(दीनी तालीम) के महत्व, आवश्यकता और बेहतर समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका से लोगों को अवगत कराने और पूरे देश में घर-घर जागरूकता पैदा करने के लिए जमीअत उलमा हिंद व केन्द्रीय दीनी तालीमी बोर्ड जमीअत उलेमा हिंद 13 जनवरी से 10 फरवरी तक राष्ट्रीय स्तर पर ‘‘दीनी तालीमी बेदारी मुहिम’’ चला रही है, यह जानकारी जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह क़ासमी ने दी।मौलाना अब्दुल्लाह कासमी ने कहा कि आज के दौर में दीनी तालीम से दूरी और अनैतिकता के बढ़ते प्रभावों के कारण नई पीढ़ी के नैतिक मूल्यों में कमी आई है और दिनों दिन बढ़ती व्यस्तता के कारण व्यक्ति मानसिक अराजकता से पीड़ित रहता है अगर दीनी तालीम से रूबरू होकर शरीयत की रोशनी में जीवन व्यतीत किया जाये, तो इससे न केवल सवाब(नेकी) मिलेगा, बल्कि दुनिया में भी जीवन एक वरदान बन जाएगा। अल्लाह ने इंसान को अपनी इबादत के लिए बनाया है और अल्लाह की इबादत और शरीअत पर अमल बिना दीनी तालीम की जानकारी के संभव नहीं है इसलिए हर इंसान विशेषकर मुसलमानों के लिए अच्छा जीवन जीने और आखिरत की भलाई के लिए आवश्यकतानुसार दीनी तालीम को प्राप्त करना ज़रूरी है।

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