दुनियाएक जीव ऐसा भी…जिसे नहीं पड़ती अपने पूरे जीवन में पानी की आवश्यकता

दुनिया में एक ऐसा विचित्र जंतु भी है, जिसको अपने पूरे जीवन पानी की जरूरत नहीं होगी. उसे कंगारू रैट भी कहा जाता है. ये चूहे और कंगारू का मिला-जुला रूप होता है. छलांग लगाता है, तेजी से भागता है लेकिन बगैर पानी के आराम से रह सकता है।
सभी पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं की जिंदा रहने के लिए पानी की जरूरत होती है. क्या आप सोच सकते हैं कि कोई जंतु ऐसा भी होगा, जो जिंदगीभर बगैर पानी पिये रह सकता है लेकिन एक ऐसा विचित्र जंतु जरूर जो ऐसा कर सकता है. शायद वो दुनिया में इस तरह का अकेला जंतु होगा। ये विचित्र जंतु उत्तरी अमेरिका के रेगिस्तानों में मिलता है. इसे कंगारू रैट कहते हैं. इसकी टांगें और पूंछ आस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले कंगारू से मिलती जुलती है. इसके गालों के बाहर की ओर थैलियों भी होती हैं. इन थैलियों में ये खाने का सामान लाता है. फिर इसे अपने बिलों में इकट्ठा करता है।
इसकी इसी हरकत और शारीरिक थैली के कारण इसे कंगारू की तरह माना जाता है और इसका नाम कंगारू रैट रखा गया. ये कंगारू की तरह ही लंबी छलांगें लगाता है. रेगिस्तान में उगने वाले कैक्टस के पौधों को आसानी से कूदकर पार कर सकता है। कगारू रैट रेगिस्तानी जीवन का एक खास हिस्सा होता है. ये बेशक पानी नहीं पीता लेकिन इसके शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा होने के कारण दूसरे जानवर इसे खा जाते हैं. ये बहुत तेजी से भाग सकता है।
ये एक सेकेंड में 06 मीटर की दूरी पार कर लेता है. ये अपने दुश्मनों से बचने के लिए भागते समय खूब तेजी दिखाता है और लंबी पूंछ का इस्तेमाल लगाने और हवा में दिशा बदलने के लिए करता है. कंगारू रैट छलागें मारते हुए चलते हैं और इनकी छलांगे इतनी सही होती हैं कि बड़ी छलांग भी लगा लेते हैं। अब सवाल ये उठता है कि वो बगैर पानी पीये कैसे जिंदा रह लेता है. वैसे ये बात सही है कि रेगिस्तान में वही जीव जंतु और पेड़-पौधे बचे रहते हैं, जिन्हें कम पानी की जरूरत होती है।इस चूहे को पानी की बहुत कम जरूरत होती है या नहीं होती है. ये अपनी पानी की जरूरत को रेगिस्तान में उगने वाले पेड़-पौधों की जड़ों को खाकर पूरी कर लेता है. पेड़-पौधों में की जड़ों में कुछ ना कुछ नमी जरूर होती है।इसका गुर्दा इतना मजबूत और अच्छा काम करने वाला होता है कि वो इस नमी से ही शरीर के पानी की जरूरत को पूरा कर लेता है. पानी की यही नमी उसको जिंदा रखने के लिए काफी होती है. इन्हीं जड़ों से वो अपने भोजन की जरूरत भी पूरी कर लेता है।

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