कानपुर। शहर में शत्रु संपत्ति के तौर पर घोषित गोकुल अपार्टमेंट स्थित हुमायूं नजर के फ्लैट को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब नया विवाद खड़ा हो गया है। सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड ने प्रशासन को पत्र भेजकर पहले से शत्रु संपत्ति घोषित हो चुकी पाकिस्तानी नागरिक तजम्मल हुसैन के ग्वालटोली स्थित मकान नंबर 11/154 ए और 11/157 को वक्फ की संपत्ति बता दिया है। वहीं इन दोनों ही संपत्तियों को लेकर कहा गया है कि बिना वक्फ बोर्ड की अनुमति के नीलामी या लीज पर देने की कार्रवाई न की जाए। खास बात यह है कि केंद्र सरकार के शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक कार्यालय ने इन दोनों ही संपत्तियों को पहले ही शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है।
यही नहीं, अभिरक्षक कार्यालय के ही आदेश पर जिला प्रशासन ने इन संपत्तियों का तहसील, पीडब्ल्यूडी और रजिस्ट्री विभाग की संयुक्त कमेटी से मूल्यांकन भी करा लिया था। साथ ही प्रशासन ने अभिरक्षक कार्यालय को इन संपत्तियों के एक करोड़ से ज्यादा कीमत के होने की जानकारी भी दे दी है, जिसके बाद अब इनकी नीलामी या लीज पर देने को लेकर फैसला लेना है। इस बीच वक्फ बोर्ड के इस पत्र ने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। फिलहाल इन संपत्तियों को बेचने पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
लेकिन माना जा रहा है कि अगर बेचने को लेकर प्रक्रिया शुरू हुई, तो वक्फ बोर्ड का दावा इसमें रोड़ा अटका सकता है।शत्रु संपत्ति घोषित हो चुका सिविल लाइंस के गोकुल अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 602 के असली मालिक का पता लगाने के लिए अब जिला प्रशासन ने नगर निगम से संपर्क साधा है। निगम पुराने दस्तावेजों के जरिये 2400 स्क्वायर फिट के इस फ्लैट का असली मालिक बताएगा। शत्रु संपत्ति के दस्तावेजों में यह फ्लैट पाकिस्तानी नागरिक हुमायूं नजर का है

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