जुमे की नमाज को लेकर सूबे में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सबसे ज्यादा कानपुर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा के बाद अभी तक तनाव कम नहीं हुआ है। हाल ही में बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा की गिरफ्तारी के बाद सरगर्मी और बढ़ी है। इसलिए पिछली बार हिंसा का शिकार बने इलाके के आसपास के तीन किमी के दायरे को छावनी तब्दील कर दिया गया है।
कानपुर समेत सूबे के तमाम अहम शहरों में जगह-जगह पुलिस फोर्स, पीएसी और आरएएफ तैनात कर दी गई है। डीएम और कमिश्नर ने गुरुवार रात को ही फोर्स के साथ रूट मार्च किया। कानपुर के अलावा सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, मेरठ, बुलंदशहर और गाजियाबाद में भी सतर्कता बरती जा रही है।
कानपुर की नई सड़क पर 3 जून को हिंसा के बाद कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी समेत 58 लोगों को जेल भेजा गया है। अभी दो पहले ही हिंसा के आरोपियों को फंडिंग करने में बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा को भी दबोचा गया है। बिल्डर हाजी वसी की तलाश में दबिशें दी जा रही हैं। पर्दे के पीछे शामिल अन्य आरोपियों की तलाश भी पुलिस कर रही है।
पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने गुरुवार को पुलिस लाइन में धर्मगुरुओं के साथ बैठक की। इसके साथ ही सभी जोन के डीसीपी को अपने-अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए रणनीति तैयार करवाई है। तय किया गया कि कानपुर में आठ ड्रोन से निगरानी होगी, 5 हजार पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। करीब 50 वीडियोग्राफर तैनात किए गए हैं। जो जगह-जगह पर वीडियो रिकॉर्डिंग करेंगे। हिंसा प्रभावित क्षेत्र के 25 प्रमुख चौराहों को कैमरों से लैस किया गया है। नौ कंपनी पीएसी भी तैनात की गई है

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