कानपुर। चंद्रशेखर आजाद जनकल्याण समिति द्वारा 1857 क्रान्ति की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर रावतपुर तिराहा स्थिति रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थल पर राष्ट्रीय एकता सभा आयोजित की गई। वीरांगना प्रतिमा की साफ सफाई कर माल्यार्पण किया गया। कार्यकर्ताओं ने रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, शौर्य और स्वदेश भक्ति भावना को प्रणाम करते हुए उन्हें नमन किया और शासन से विधानसभा में “शहीद/सेनानी गैलरी बनाने की मांग की। जिससे आजादी की 75वीं वर्षगाँठ को सही रूप प्रदान कर शहीदों का सम्मान किया जाये। प्रतिमा स्थल पर टूट पत्थर लगाए जाने की मांग भी की लोगों से कहाकि आपसी प्रेम, भाईचारा, एकता बनाये रख शान्ति, अमन बनाये रखे।

सभा की अध्यक्षता करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश कुमार पाण्डेय निन्नी ने रानी के चरणों में नतमस्तक होकर कहा कि रानी ने जिस बहादुरी और पराक्रम से अंग्रेजों की बड़ी फौजों को चीरते हुए कालपी से युद्ध करते हुए ग्वालियर तक अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये थे। पर गद्दार अंग्रेज ने पीछे से रानी पर वार करने के बाद भी रानी ने उसकी गर्दन अलग कर अपनी वीरता का परिचय दे शहीद हो गई थीं। परन्तु रानी का शहीद शव भी साथियों ने झोपड़ी से जलाकर, रानी की अंतिम इच्छा पूरी की थी। ताकि रानी का शहीद शव भी अंग्रेज प्राप्त न कर सकें। निन्नी ने बताया रानी शस्त्र विद्या बिठूर में नाना साहब पेशवा, अजीमुल्ला खां और तात्याटोपे से प्राप्त की थी। उन्होंने देश में लोगों विशेषकर युवकों से अमनचैन, शान्ति बनाये रख राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान न पहुंचाएं और आपसी भाईचारा बनाये रखें। यही शहीदों को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी।

सभा का संचालन राकेन्द्र मोहन तिवारी ने किया। सभा में श्यामदेव सिंह, नरेन्द्र चंचल कुशवाहा, श्रीओम द्विवेदी, संदीप साहू, रंजीत साहू, तिलकचन्द्र कुरील, दीनानाथ द्विवेदी, मनोज गुप्ता, अधिवक्ता आर.पी. श्रीवास्तव, गोपाल मिश्रा, नरेशचंद्र शुक्ल, अरविन्द शर्मा, राजेन्द्र मोबाइल, मो. फारूख, बी.आर. गुप्ता, मनीष मेहता, विनोद अवस्थी, सी. के. सिंह आदि थे।

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