राष्ट्रपति की उद्यमियों से अपील- पर्यावरण के अनुकूल ही स्थापित करें नए उद्योग
Sat, 04 Jun 2022
कानपुर में मर्चेंट चैंबर के 90 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह मेंराष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि उद्योग और व्यापार जगत के प्रतिनिधि वर्तमान में चल रहे उद्योगों में प्रदूषण कम करने की दिशा में कार्य करें। ऐसे नए उद्योगों को स्थापित करें, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। उद्योग और व्यापार जगत से अपेक्षा की जाती है कि प्रदूषण की समस्या को मिटाने में सहयोग करते हुए कानपुर और गंगा को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान करेंगे।

शनिवार की सुबह दस बजे तय समय पर सर्किट हाउस सेराष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द मर्चेंट चैंबर में 90 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया और फिर समारोह में मौजूद लोगों के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई। यहां पर मर्चेंट चैंबर के अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने राष्ट्रपति को मर्चेंट चैंबर के अबतक के इतिहास से अवगत कराया। समारेाह में राष्ट्रपति ने कहा कि गंगा के किनारे होने के कारण कानपुर प्राचीन काल से ही उद्योग व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है।

कानपुर की महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति और गंगा नदी के रूप में सुलभ यातायात के साधन को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने भी यहां पर उद्योगों को बढ़ावा दिया, जिससे इस शहर को मैनचेस्टर आफ ईस्ट और लेदर सिटी ऑफ द वर्ल्ड के रूप में पहचान मिली लेकिन यही औद्योगिक विकास कानपुर और गंगा के प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया। भारत सरकार नमामि गंगे के तहत गंगा को स्वच्छ और साफ रखने के लिए प्रयत्नशील है लेकिन इस मिशन की सफलता के लिए सभी भागीदारों का सहयोग होना बहुत आवश्यक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन एक विकराल समस्या के रूप में हमारे सामने है। अगर इस चुनौती से निपटने के प्रयास हम अभी से प्रयास नहीं करेंगे तो वर्तमान के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियां भी अनेक कठिनाइयों का सामना करेंगी। इन्हीं चुनौतियों का ध्यान रखते हुए भारत सरकार ने कोप 26 शिखर सम्मेलन में घोषणा की है कि वर्ष 2030 तक भारत अपने कार्बन उत्सर्जन को एक बिलियन से घटा देगा और वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन वाली अर्थ व्यवस्था बनाने का प्रयास करेगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में उद्योग जगत का सहयोग बहुत ही जरूरी है। विश्व में अनेक कंपनियां जीरो कार्बन अर्थव्यस्था में अपना योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों की स्थापना में प्रतिभावान छात्र और उद्यमियों की छमता इसे संभव बना सकती है।

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यापारिक संगठन का उद्देश्य केवल अपने सदस्यों के हित के लिए कार्य करने का नहीं होना चाहिए बल्कि उसे समाज के सर्वांगीण विकास में भी भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश महिला सशक्तिकरण और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है, यह जानकर उन्हें प्रसन्नता है। कल अपने गांव परौंख जाने के बारे में उन्होंने कहा कि आज वह जहां पहुंचे हैं उसका श्रेय उस गांव की मिट्टी, कानपुर की धरती को है, जहां उन्होंने शिक्षा ग्रहण की।

मर्चेंट चैंबर के लिए उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्ष में संस्था 100 वर्ष की हो जाएगी और किसी भी संस्था की यात्रा में शताब्दी वर्ष का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह अवसर अपनी पिछली यात्रा पर गर्व करने के साथ-साथ भविष्य की दिशा दशा तय करने का भी होता है। उन्होंने आशा जताई कि इस संस्था की आगामी वर्ष की योजनाओं को संस्था के सदस्य कार्यरूप दे रहे होंगे। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, संस्था के अध्यक्ष अतुल कनोडिया व अन्य लोग भी मौजूद रहे। यहां से वह सर्किट हाउस और फिर चकेरी एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे और गोरखपुर के लिए विमान से प्रस्थान किया

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