देश के अन्य हिस्सों की तरह कानपुर भी प्रचंड गर्मी में तप रहा है. हालत यह है कि अप्रैल में ही तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा है. गर्मी से बाहर निकल रहे लोगों के हलक सूख रहे हैं. स्कूल जाने वाले बच्चे बेहाल हैं. धूप के साथ लू भी अपना कहर बरपाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. फिलहाल अगले चार दिनों तक किसी तरह की राहत नहीं मिलने का अनुमान जताया गया है.थार मरुस्थल से आ रही उत्तर पश्चिमी गर्म हवाएं इस बार गर्मी के प्रचंड तेवर दिखा रही हैं. हालत यह है कि सुबह नौ बजे के बाद से ही सूरज के तेवर इतने तेज हो रहे हैं कि लोगों के हलक सूख रहे हैं. चिलचिलाती धूप की वजह से धरती तप रही है और इंसान से लेकर बेजुबान सब बेहाल दिख रहे हैं. सीएसए के मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को अधिकतम तापमान उछलकर 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. सीएसए के मौसम ​वैज्ञानिक डॉ एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि आम तौर पर मई के तीसरे हफ्ते से जैसी झुलसाने वाली गर्मी पड़ती है, इस बार अप्रैल में ही वो हाल हो गया है. आलम ये है कि ये महीना देश में अबतक का सबसे गर्म अप्रैल बनने की ओर है. अगले 4 दिनों तक भीषण लू का अनुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक कानपुर मण्डल सहित पूरे उत्तर और मध्य भारत में 1 से 2 मई तक भीषण लू चलेगी.
प्रचंड गर्मी में चल रहे स्कूलों का असर बच्चों पर भी पड़ रहा है. ऐसे में पैरेंट्स की चिंताएं बढ़ती जा रही है. इसी को लेकर कानपुर उद्योग व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने डीएम नेहा शर्मा से मुलाकात की. व्यापारी नेताओं ने कहा कि कक्षा आठ तक के स्कूलों को सुबह 7 से 10 तक किया जाए या फिर आनलाइन कक्षाओं को दोबारा से संचालित किया जाए. व्यापारी नेताओं ने कहा कि गर्मी की वजह से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं

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