कानपुर में मतदान खत्म होते ही राजनीतिक गलियारों में वोटिंग की गुणा- गणित शुरू हो गई है। शाम को मतदान खत्म होने के बाद वोटों की टैली सामने आई, पुराने नेता 2017 की टैली भी निकाल लाए। इसके बाद दोनों चुनावों के वोटों का पोस्टमार्टम शुरू हो गया।
यूं तो दावे सभी जीत के कर रहे हैं लेकिन दावों से इतर परेशान भी हैं। सुबह से शाम तक मतदान की रेस में सबसे आगे चल रहे बिल्हौर, बिठूर और घाटमपुर में शाम को अंतिम गणना हुई तो पता चला कि पिछले चुनाव से कम वोट पड़ा है। घाटमपुर के 2019 में हुए उप चुनाव से तो वोट बढ़े लेकिन 2017 के मुकाबले कम मतदान है। इसे लेकर मुख्य संघर्ष में मानी जा रही भाजपा और सपा दोनों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं।
शहरी सीटों का हाल
शहरी सीट में कल्याणपुर, आर्यनगर और कैंट को छोड़ दिया जाए तो गोङ्क्षवद नगर, सीसामऊ, किदवई नगर, महाराजपुर में मतदान फीसद बढ़ा है। शहरी सीटों पर वोट प्रतिशत बढऩे की उम्मीद रहती है लेकिन आर्यनगर में 1.86 फीसद और कैंट में 0.28 फीसद कम मतदान हुआ। कल्याणपुर में भी 0.43 फीसद कम वोट पड़े। कैंट और कल्याणपुर को लेकर तो प्रत्याशियों को ज्यादा ङ्क्षचता नहीं है लेकिन आर्यनगर का करीब दो फीसद का यह अंतर प्रत्याशियों को परेशान करने वाला है। छह सीटों में वोट प्रतिशत गिरने से जहां प्रत्याशी परेशान हैं, वहीं जिन सीटों पर ज्यादा वोट पड़ा है, वहां के प्रत्याशी काफी खुश हैं। पूरे जिले का मतदान पिछले चुनाव में 57.10 फीसद था और इस बार यह 0.02 फीसद कम रह गया।
विधानसभावार मतदान की स्थिति (फीसद में)
विधानसभा क्षेत्र पिछला चुनाव वर्ष 2022
बिल्हौर 63.76 63.03
बिठूर 65.11 62.02
कल्याणपुर 53.23 52.80
गोविंद नगर 33.66 (2019) 54.33
सीसामऊ 56.65 57.15
आर्यनगर 52.86 51.00
किदवई नगर 57.83 58.53
कानपुर कैंट 52.58 52.30
महाराजपुर 57.87 58.64
घाटमपुर 49.24 (2020) 60.96
पूरे जिले का मतदान 57.10 57.08
नोट : गोविंदनगर में 2017 में 53.08 फीसद मतदान हुआ था। घाटमपुर में 2017 में 61.90 फीसद वोट पड़े थे।