कानपुर। चुनाव आयोग एक ओर तो मतादान शतप्रतिशत कराए जाने की बात करता है तो वहीं दूसरी आज के टेक्वोलॉजी जमाने में आयोग के कुछ नियम उसी आयोग के योजना पर बाधक बन रहे हैं। आज के समय में आदमी की सबसे जरूरी जीच हैं मोबाइल फोन। आज कोई भी व्यक्ति अपना मोबाइल फोन एक सेकेंड के लिए भी अपने दूर नहीं रखना चाहता। लेकिन इसबार चुनाव आयोग के मतदान स्थल पर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
आपकी मतदाम पर्ची के पीछे अगर आप पढ़ेंगे तो 5वें नं. पर लिखा है मतदेय स्थल के अंदर फोन, कैमरा और इस तरह के अन्य उपकरण लाने की अनुमति नहीं है।
ज्यादातर लोग मतदान करने जब घर से निकलते हैं तो उन्हें सारे नियमों की जानकारी नहीं होती और उसी जानकारी के अभाव में आदमी घर से अपना मोबाइल फोन भी मतदान स्थल पर ले जाता है। मतदान स्थल पर पहंचने के बाद उसे बाहर ही रोक लिया जाता है और उससे उसका मोबाइल फोन बाहर ही रखने को कहा जाता है या स्वीचडऑफ करके ले जाने को कहा जाता है। चलो स्वीचडऑफ करके अंदर ले जाने की अनुमति कही जाती है ऐसी स्थिति में आदमी अपना मोबाइल लेकर वापस लौट जाता है। मतदाता जो अपना समय देकर मतदान कर रहा है वह दोबारा वापस मतदान करने आएगा आया तो ठीक नहीं आया तो मतदान का प्रतिशत कितना ऊपर जाएगा।
आज का युवा मतदाता तो वैसे भी शोसल मीडिया पर अपना ज्यादा से ज्यादा समय देता है ऐसे में मतदान स्थल की सेल्फी के साथ अगर वह शोसल मीडिया पर अपनी फोटो अपडेट नहीं कर पाएगा तो जरा सोचिए उसकी नाराजगी कितना असर डाल सकती है मतदान प्रतिशत पर।
वहीं मतदान स्थलों पर जो लोग बिना मास्क नजर आएं उन्हें मतदान केंद्रों में प्रवेश नहीं दिया गया। पहले तो मास्क लगाएं फिर मतदान स्थल पर जाएं।
शास्त्री नगर पोलिंग बूथ के बाहर बीजेपी महिला मोर्चा कि सरोज सिंह ने मोबाइल ले जाने को लेकर पुलिसकर्मियों से तू तू मैं मैं की उनका कहना है कि उनका वोट परसेंटेज घट रहा है लोग वोट नहीं डाल पा रहे हैं उन्हें मोबाइल के कारण का वापस कर दिया जा रहा है वही सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं दी गई है जिसके बाद स्विच ऑफ कर मोबाइल ले जाने की अनुमति दी गई। वहीं पोलिंग बूथ मेन गेट पर किसी पार्टी की कार्यकर्ता कैसे वहां घंटों बनी रह सकती हैं।
2022-02-20