वास्तविक शिक्षा वही है जहां व्यक्ति को उसके जीवन का उद्देश्य मालूम हो :- मुफ्ती ज़फर अहमद क़ासमी, शैक्षिक सत्र के अन्त पर जामिया महमूदिया अशरफुल उलूम में तक्मील हिफ्ज़े कुरआन व दुआइया कार्यक्रम का आयोजन

कानपुर l पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित दीनी दर्सगाह जामिया महमूदिया अशरफुल उलूम के शैक्षिक सत्र के अन्त पर संस्था के संचालक मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी उपाध्यक्ष जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश की निगरानी में ‘‘तक्मील हिफ्ज़ कुरआन और दुआइया कार्यक्रम’’ आयोजित हुआ। जिसमें जामिया में अध्ययनरत रह कर पूरा कुरआन हिफ्ज़ करने वाले 7 छात्रों और गत दिवस हुई नात, किरअत और खिताबत की प्रतियोगिता में विशिष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को मुख्य अतिथि जमीअत उलमा वस्ती (मध्य) उत्तर प्रदेश के महासचिव मुफ्ती ज़फर अहमद क़ासमी, जामिया के संचालक मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी के साथ मौजूद अन्य मेहमान उलमा ए किराम द्वारा इनाम व इकराम से नवाज़ कर हौसला अफज़ाई की गई।
उपस्थित छात्रों और मेहमानों से खिताब करते हुए मुख्य अतिथि मुफ्ती ज़फर अहमद क़ासमी ने कहा कि अल्लाह ने खास व्यवस्था के तहत आपको आलिम, क़ारी और हाफिज़ कुरआन बनाया है। आप मदरसे के छात्र हैं, जहां दीनी शिक्षाओं की तालीम दी जाती है, वास्तविक शिक्षा वही है जहां व्यक्ति को उसके जीवन का उद्देश्य मालूम हो और उसको मालूम हो कि जीवन कैसे व्यतीत करना है। आप अपनी मेहनतों को जारी रखें और भरोसा रखें कि अल्लाह किसी की मेहनत को बेकार नहीं जाने देता।
कुल हिन्द इस्लामिक इल्मी अकादमी के अध्यक्ष मुफ्ती इक़बाल अहमद क़ासमी ने कहा कि कुरआन व हदीस और नबी द्वारा दी गई शिक्षाओं की रक्षा हमारा लक्ष्य है। जिस तरह हमारे बुजुर्गां ने एक आदर्श जीवन व्यतीत किया कल को हम भी किसी के लिये आदर्श बन सकें ऐसा जीवन व्यतीत करने का प्रयास करें।
इससे पूर्व जामिया के वरिष्ठ शिक्षक मौलाना मुहम्मद अकरम जामई और मौलाना नूरूद्दीन अहमद जामई ने भी छात्रों को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जामिया के छात्र मुहम्मद फज़ल ने विशेष अन्दाज़ में कुरआन की तिलावत किया, हाफिज़ अब्दुर्रहमान ने नात का नज़राना पेश किया। मौलवी मुहम्मद आसिफ महमूदी ने बयान करके अपना लोहा मनवाया। इस अवसर पर हाफिज ए कुरआन बनने वाले मुहम्मद साबिर, मुहम्मद इन्शाद, अब्दुल वदूद, जुल क़रनैन , मुहम्मद साद, मुहम्मद तलहा, मुहम्मद मन्सूब को इनाम देकर सम्मानित किया गया।
गत दिवस हुई किरअत प्रतियोगिता में मुहम्मद फज़ल प्रथम, मुहम्मद सऊद द्वितीय, मुहम्मद मुज़म्मिल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नात प्रतियोगिता में अब्दुर्रहमान प्रथम, मुहम्मद नासिर द्वितीय और मुहममद मसूद ने तृतीय स्थान पर रहें। खिताबत प्रतियोगिता के तीन समूह बनाये गया जिसमें मुहम्मद आसिफ, दिलशाद आलम, मुहम्मद बुशरान प्रथम, मुहम्मद आज़म, मुहम्मद ज़ैद, मुहम्मद एहसान ने द्वितीय और मुहम्मद अबूबक्र, अहमद, मुहम्मद साबिर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जामिया के शिक्षक मौलाना क़ारी अब्दुल हई क़ासमी ने कुरआन की तिलावत से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। संचालन के कर्त्व्यों को मुफ्ती सैयद मुहम्मद उस्मान क़ासमी ने पूरा किया। जलसे में बतौर खास मौलाना मुहम्मद शफी मज़ाहिरी, मौलाना मुहम्मद सईद खां क़ासमी, मौलाना अन्सार अहमद जामई, क़ारी मुजीबुल्लाह इरफानी, मौलाना आफताब आलम क़ासमी, क़ारी मुहम्मद शफीक़ जामई, मौलाना मुहम्मद नाज़िम क़ासमी, मुफ्ती अजीजुर्रहमान क़ासमी, क़ारी अब्दुल मुईद चौधरी, हाफिज़ मुहम्मद रिज़वान मक्की, मौलाना अब्दुल ग़फ्फार क़ासमी, मौलाना फज़लुर्रहमान क़ासमी, मौलाना अरशद क़ासमी, हाफिज़ मुहम्मद जमील, शारिक़ नवाब के अलावा बड़ी संख्या में तशरीफ लाये शहर के उलमा ए किराम, मस्जिदों के इमाम, जामिया के शिक्षक एवं छात्र मौजूद रहे।

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