अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने शास्त्री चौक पर दिया संदेश
अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के तत्वाधान में राजशाही की भेंट चढ़ कर जाम में फस कर जान गवाने वाली शहीद वंदना मिश्रा जी के मामले से सबक ले, शासन और प्रशासन नजीर बने। शहर, प्रदेश और देश के लिए एंबुलेंस और निजी गाड़ी में अस्पताल ले जा रहे मरीजों को रोका न जाए। वीआईपी प्रोटोकॉल के अंतर्गत त्वरित रास्ता देने का प्रबंधन और निर्देश तत्काल दिए जाएं यही परिजनों के साथ संवेदना और माफी है।
“सबक लो और आगे से ऐसा ना हो” कि मॉग के साथ अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के तत्वाधान में एक विशाल मानव श्रंखला का आयोजन शास्त्री चौक चौराहे पर परिषद के संरक्षक मनीष शर्मा के संयोजन में किया गया। जिसमें सभी सदस्य कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आंदोलन में शामिल हुए। गले में तख्तियां डाले, शांतिपूर्वक हाथों को जोड़कर खड़े थे।तख्तियों पर लिखा था कि “माफी नहीं आदेश चाहिए फिर ऐसा नहीं होना चाहिए”।
“लोकतंत्र है राजशाही नहीं, मरीजों को रास्ता मिले इससे कम पर माफी नहीं।
वीआईपी प्रोटोकॉल का शिष्टाचार, मरीजों पर है अत्याचार।
वैसे ही बाहर में इतना जाम है, वीआईपी प्रोटोकॉल का क्या काम है।
श्रद्धांजलि वंदना जी को दीजिए, जाम से बाहर को मुक्त कीजिए।”
मानव श्रंखला के बाद भीड़ एक सभा में बदल गई। सभा को संबोधित करते हुए मनीष शर्मा ने कहा राजाओं का युग चला गया है, लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार प्राप्त है। आम आदमी के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। सुरक्षा प्रोटोकॉल के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लापरवाही का प्रायश्चित यही है कि वंदना जी की मृत्यु से सबक लेते हुए जिम्मेदार नजीर पेश करें।
मानव श्रृंखला में प्रमुख रूप से संरक्षक मनीष शर्मा, हरी त्रिपाठी, प्रदीप मिश्रा, कुमार प्रीत पांडे, सुनील मिश्रा और ओमकांत त्रिपाठी उपस्थित रहे।