चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की मृत्यु से जहां पूरा देश शोक की लहर में डूबा है, वहीं जनपद के गांव में भी शोक छाया है। जनपद के मुखड़ा गांव से भी जनरल रावत का गहरा नाता था, यहां रहने वाले रिश्तेदारों की बात पर यकीन किया जाए तो उन्हें मार्च माह में गांव में आना था। इसके बाद गांव में उनके आने की चर्चाओं के साथ लोग उत्साह पूर्वक इंतजार में थे लेकिन उनकी मौत की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। गांव में सेना में जाने की तैयारी करने वाले युवा उनके आगमन की जानकारी के बाद उत्साहित थे लेकिन अब गमगीन नजर आने लगे हैं।
मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को पौड़ी में हुआ था। उन्होंने देहरादून और शिमला में पढ़ाई पूरी की थी और 1978 में सेना में शामिल हुए थे।। उनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है। उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत हुए थे। प्रदेश के उत्तकाशी की रहने वाली मां पूर्व विधायक किशन सिंह परमार की बेटी हैं। जनरल रावत की दो बेटियां हैं। उनके साथ पत्नी मधुलिका की भी मृत्यु हो गई, जो आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं। बताया जाता है कि उनकी एक बहन की ससुराल कन्नौज के मुखड़ा गांव में है, उनकी मृत्यु की खबर के मिलने के बाद से गांव में शोक की लहर है।
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जनरल रावत की बड़ी बहन किरन सिंह की शादी मुखड़ा गांव निवासी सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर नाथू सिंह बैस के बड़े पुत्र विक्रम सिंह से 15 अगस्त, 1980 में हुई थी, जो वर्तमान में अमेरिका में इंजीनियर हैं। विक्रम के भाई बृजराज सिंह बैस ने बताया कि जनरल रावत की बहन वर्ष में एक बार गांव जरूर आती हैं। 2019 में सीडीएस जनरल रावत की भांजी नैना सिंह की शादी गुरुग्राम में हुई थी, जहां उनकी व परिवार की मुलाकात जनरल रावत से हुई थी। पांच मार्च, 2022 को गांव में होने वाले कार्यक्रम के लिए उन्हें न्योता दिया था और उन्होंने आने का वादा किया था। हेलीकाप्टर हादसे में उनके निधन के की सूचना के बाद बहन की ससुराल में शोक छा गया।