अहम तैनातियों से बुलाए गए सुरक्षा बलों के डॉक्टर, कोविड केयर सेंटरों और अस्पतालों में लगेगी ड्यूटी

भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के विकराल रूप लेने के साथ ही सशस्त्र बलों ने अपनी प्रमुख तैनातियों से डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। सेना के इन डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को अब नागरिक क्षेत्रों में स्थित कोविड केयर सेंटरों और अस्पतालों में तैनात किया जाएगा।अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न रिक्रूटिंग आफिसों, नेशनल कैडिट कार्प और ऑन स्टाफ में तैनात मेडिकल अफसरों को उच्च संक्रमण वाले इलाकों में तैनात किया जा रहा है।

डॉक्टरों की उपलब्धता के लिए रक्षा मंत्रालय ने विगत 23 अप्रैल को घोषणा की है कि एएफएमएस के शार्ट सर्विस के सैन्य अफसरों को 31 दिसंबर तक का सेवा विस्तार दे दिया गया है। इन 238 डॉक्टरों की तादाद बढ़ गई है। अधिकारियों का कहना है कि सभी चिकित्सकों के कोर्स रद कर दिए गए हैं। इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि सेना के डॉक्टरों की सेवाएं प्रशासनिक दायित्वों में व्यर्थ न जाएं। इन डॉक्टरों को कोविड-19 के मामलों को देखने के लिए तैनात किया जा रहा है। अग्रिम मोर्चों पर तैनात होने वाले मेडिकल अफसरों को भी अब कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न कोविड अस्पतालों और मेडिकल सुविधाओं में तैनात किया जा रहा है। दिल्ली में एयरपोर्ट के पास स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल में सशस्त्र बलों ने 500 बेड स्थापित किए हैं। वहां करीब 122 मेडिकल अफसर, 48 नर्सिंग अफसर और 120 पेरामेडिकल स्टाफ तैनात हैं।

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