जमीअत उलमा के वृक्षारोपण अभियान के दूसरे दिन विभिन्न स्थानों पर पौधरोपण किया गया
कानपुर:- जमीअत उलमा कानपुर के तत्वाधान में नगर अध्यक्ष डा0हलीमुल्लाह खां की अध्यक्षता में 24 से 30 जून तक पूरे शहर में जारी वृक्षारोपण अभियान के तहत जमीअत उलमा कानपुर के महासचिव मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने जमीअत उलमा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ जुमा की नमाज के बाद जामा मस्जिद अशरफाबाद जाजमऊ में पौधरोपण किया।
मौलाना अब्दुल्लाह क़ासमी ने जुमा की नमाज़ से पूर्व वृक्षारोपण के सम्बन्ध में उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि अंतिम नबी हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दुनिया में रहमत बनकर आये, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पाकीज़ा शिक्षाएं(तालीमात) दीन और दुनिया की कामयाबी की ज़ामिन(गारंटर) हैं, इस्लामी (तालीमात)शिक्षाओं पर अमल इंसान को दोनो जहानों का सुकून अता करता है, इस्लाम सफाई, सुथराई पर जोर देता है, ताकि निजासत और गंदगी के कारण माहौल(पर्यावरण) आलूदा(प्रदूषित) होने से सुरक्षित रहे और आबो हवा मुतास्सिर(प्रभावित) ना हो, आलूदगी (प्रदूषण) सेहते इंसानी के लिए बेहद मुजिर(नुक्सानदेह) है, पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने का एक तरीका पौधरोपण है, आज के दौर में हिफ्जाने सेहत(स्वास्थ्य की रक्षा) और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए शजरकारी(वृक्षारोपण) जरूरी हो गयी है, ऐसे में आप अगर दरख्त(वृक्ष) लगायेंगे तो यह पूरी इंसानियत ही नहीं बल्कि तमाम जीवों को इससे फायदा पहुंचेगा। शजरकारी(वृक्षारोपण) के फायदो से सभी वाकिफ हैं आज पूरी दुनिया में लगातार वृघ्क्षों की कम होती संख्या पर चिंता जताई जा रही है, शजरकारी(वृक्षारोपण) जहां इंसानी जरूरतों में काम आती है वहीं इंसानी जिन्दगी और माहौलियात(पर्यावरण) के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस्लाम ने बहुत पहले ही इंसानों को खबरदार कर दिया था कि सायेदार और फलदार वृक्षों को ना काटा जाये, इस्लाम ने शजरकारी(वृक्षारोपण) के लिए प्रोत्साहित किया है, इस अमल को सदका ए जारिया बताया गया है कि इसके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के अलावा जो भी फायदा उठायेगा, चिड़िया या जानवर जो भी फल खायेंगे, मुसाफिर इसके साये में आराम करेंगे उसका सवाब दरख्त लगाने वाले को मिलता रहेगा। इसलिए जमीअत उलमा कानपुर की तरफ से शजरकारी(वृक्षारोपण) की मुहिम पूरे शहर के लिए शुरू की गयी है इसके तहत पूरे शहर में हज़ारों पौधे लगाये जायेंगे और विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को जमीअत उलेमा के प्लेटफार्म से पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जागरूक किया जायेगा।
मौलाना ने जमीअत उलमा कानपुर के समस्त जिम्मेदारों और प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वह इस मुहिम को आगे बढ़ा कर कामयाब बनायें और कम से कम हर इंसान अपनी तरफ से 10-10 पौधे जरूर लगायें, इस तरह हजारों लाखों पौधे लग जायेंगे , यह इंसानियत की बेहतरीन खिदमत होगी।
पौधरोपण के दौरान मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी के साथ जामिया महमूदिया अशरफुल उलूम के उस्ताद मौलाना फरीदुद्दीन क़ासमी, मुफ्ती सऊद मुर्शिद क़ासमी, क़ारी बदरूज्ज़मां कुरैशी, मौलाना मुहम्मद शाहिद क़ासमी, क़ारी मुहम्मद हुजैफ़ा महमूदी और महफूज़ आलम के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।