करीब पांच साल पहले समाजवादी पार्टी के खेमे में उस समय हलचल मच गई थी जब मुलायम सिंह यादव द्वारा बुलाई बैठक में अखिलेश सिंह यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव भिड़ गए थे। उस दिन के बाद से अभी तक चाचा और भतीजे में बीच खटास खत्म कराने के लिए कई प्रयास हुए लेकिन बात नहीं बनी।अब विधानसभा चुनाव करीब आने के बाद एक बार फिर दोनों के करीब आने की संभावएनाएं बढ़ गई हैं। आज मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन है ऐसे में माना जा रहा है कि चाचा और भतीजे की पार्टी के बीच गठबंधन हो सकता है।
कई मंच से शिवपाल का छलक चुका है प्यार
विधानसभा चुनाव को लेकर भले ही शिवपाल सिंह यादव परिवर्तन यात्रा निकाल कर जनसमर्थन मांग रहें हों, लेकिन कई जगह वह समाजवादी पार्टी के प्रति अपना प्यार जग जाहिर कर चुकें हैं। उन्हाेंने यात्रा के दौरान कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता समाजवादी पार्टी है। एक इंटरव्यू में उन्हाेंने कहा कि वो चाहते हैं कि उनकी पार्टी का गठबंधन समाजवादी पार्टी से हो जाए। लेकिन वहां से जवाब नहीं आता। हलांकि, चाचा के प्रस्ताव पर भतीजे ने भी न नहीं किया है। अखिलेश यादव चाचा शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना चाहते हैं। लेकिन कब यह ऐलान नहीं किया है। आज भले ही मुलायम सिंह के बर्थ-डे पर लोग आस लगाए बैठे हैं कि शायद आज अखिलेश यादव चाचा के साथ गठबंधन कर लेंगे लेकिन अभी तक ऐसा कोई एलान नहीं किया गया है।
जानिए क्या था मामला:
दरअसल उस दिन आपसी मन-मुटाव मिटाने के लिए मुलायम सिंह ने पार्टी कार्यालय में बैठक बुलाई थी। समाजवादी पार्टी के लखनऊ दफ्तर में मुलायम सिंह यादव ने बैठक बुलाई थी। दफ्तर में तब तक सब ठीक चल रहा था। पहले अखिलेश, फिर शिवपाल और फिर मुखिया मुलायम सिंह यादव अपना दर्द छलका चुके थे। बैठक अंतिम दौर में थी इसदौरान शिवपाल व अखिलेश को गले भी मिलवाया लेकिन तभी जो हुआ उसे देख सब भौंचक्के रह गए। मंच पर चाचा व भतीजे में नोंकझोंक होने लगी। चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजा सीएम अखिलेश यादव आपस में भिड़ गए। सुरक्षा कर्मियों ने बीच बचाव किया, जिसके बाद दोनों को अलग किया गया। बोलने के चक्कर और अपनी बात साबित करने के लिए कसम, दोषा रोपण व आरोप-प्रत्यारोप का खुब दौर चला। शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। मुलायम सिंह यादव के संबोधन के बाद कुछ और नेता माइक लेकर अपनी बात कहना चाह रहे थे। इसी बीच अखिलेश यादव पर मुसलमानों का वोट नहीं चाहने वाली चिट्ठी के संबंध में एमएलसी आशु मलिक को मंच पर बुलाया गया, जिस पर मलिक की मुख्यमंत्री के समर्थकों ने उनकी पिटाई कर डाली। इसका शिवपाल ने जब विरोध किया तो अखिलेश ने विरोध किया। इसके बाद माहौल काफी खराब हो गया। इसके बाद भी युवा समर्थक चिल्लाते रहे। गालियों की बौछार होने लगी।