फोटो परिचय- प्रत्याशी दिवंगत पिंकीदेवी की फाइल फोटो।

👉चुनाव की जंग जीतने से पहले ही हार गई जिन्दगी की जंग

👉मृत्यु होने के बाद प्रधान प्रत्याशी को मिली जीत, दिखाई दी खुशी की कुछ किरण

कुरावली/मैनपुरी। चुनाव की जंग जीतने से पहले ही प्रधान पद की महिला प्रत्याशी जिन्दगी की जंग हार गई। जीं हां क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगला ऊसर में मतदान के बाद बीमार हुई महिला प्रत्याशी की ऑक्सीजन लेवल कम होने से मृत्यु हो गई थी। ऐसा जिला के इतिहास में पहली बार हुआ जब मतदान होने और मतगणना से पहले प्रधान प्रत्याशी की मौत हो गई। प्रत्याशी पहले जिन्दगी की जंग हार गईं। मतगणना होने पर प्रत्याशी को जीत हासिल हुई। ग्राम पंचायत में जहां मातम का माहौल था वहां पर खुशी की कुछ किरण दिखाई दी है।
गौरतलव है कि क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगला ऊसर से प्रधान पद के प्रत्याशी के रुप में पिंकीदेवी पत्नी सुभाष चन्द्र चुनाव मैदान में थी। जो 19 अप्रैल को मतदान के दिन से रात्रि को बीमार हो गई। जिन्हे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। परिजनों ने आगरा में भर्ती कराया। जहां से फिर फिरोजावाद एक प्राईवेट हॉस्पीटल में उपचार चला था। उसके बाद आराम न मिलने पर दोवारा फिर आगरा में एक प्राईवेट हॉस्पीटल में भर्ती कराया था। जहां पर ऑक्सीजन लेवल कम होने की बजह से प्रत्याशी की मृत्यु हो गई थी।महिला प्रत्याशी पिंकीदेवी जहां चुनाव की जंग जीत गईं है। लेकिन उससे पहले ही वह जिन्दगी की जंग हार गईं थी। जिसके बाद से ग्राम पंचायत में मातम का माहौल था। मतगणना हुई तो दिवंगत प्रत्याशी ने अपने प्रतिद्धदी चन्द्रावती को 115 मतो से पराजित कर दिया। पिंकीदेवी को कुल 388 मत प्राप्त हुए।मुरझाए हुए चेहरों पर आई कुछ खुशी
प्रत्याशी पिंकीदेवी की मृत्यु के बाद जहां गांव में मातम का महौल व्याप्त हो गया है। चारों तरफ से केवल एक ही आवाज आती थी। कि हमने अपना एक होनहार जनप्रतिनिधि खो दिया है। हलांकि चुनाव में जीत नही मिली थी। लेकिन ग्राम पंचायत के मतदाता पहले ही उनकी जीत तय कर चुके थें। चुनाव में जीत मिलने के बाद मुरझाए हुए चेहरों पर खुशी की एक हल्की सी किरण दिखाई दी है।

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