कानपुर

 

कानपुर में मदरसे की महिला टीचर कपड़े सिलकर और घर में ट्यूशन पढ़ाकर गुजर बसर कर रही है दरअसल केंद्र सरकार द्धारा सभी मदरसे के शिक्षकों को 12000 माह का वेतन दिया जा रहा था जो कि वर्ष 2016 से रोक दिया गया है और अब उत्तरप्रदेश सरकार द्धारा भी वेतन 3000 रूपए पिछले वर्ष 2023 तक ही आया है इन सभी बातों का आरोप लगाते हुए कानपुर के रिज़वी रोड में स्थित दारूल उलूम गौसिया अशरफिया नाम से मदरसा है जिसमें करीब 350 बच्चे पढ़ते हैं इन सभी बच्चों को तीन शिक्षक आयशा फातिमा, मोहम्मद इशरत,नाजिया इकबाल पढ़ाती है जोकि पिछले 11 वर्षों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं इन सभी का कहना है कि उनकी सैलरी वर्ष 2016 से नहीं आ रही है ,,,,टीचर आयशा फातिमा ने बताया कि कुल सैलरी 15000 माह के हिसाब से मिलती थी लेकिन अब नहीं मिल रही है जिसमें 12000 केंद्र सरकार देती है और 3000 राज्य सरकार देती है लेकिन केंद्र सरकार द्धारा दी जाने वाली सैलरी 12000 वर्ष 2016 से रोक दी गयी और राज्य सरकार द्धारा 3000 सैलरी पिछले वर्ष तक दी गयी थी लेकिन अब सभी शिक्षक घर के छोटे मोटे काम सिलाई बुनाई आदि करके जीवनयापन करने को मजबूर हैं,,,,सभी टीचरों का यह भी कहना है कि वर्ष 1994 में भारत के पीएम रहे स्वर्गीय अटल जी ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत एक स्कीम लागू की थी ,,,, लेकिन अब सरकार मदरसो के शिक्षकों पर ध्यान नहीं दे रही है,,,, उन्होंने बताया कि इस बावत एकता समिति संगठन के तत्वाधान में संगठन के अध्यक्ष अशरफ अली उर्फ सिकंदर बाबा की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन भी वर्ष 2018 से लगातार समय-समय पर किया जा रहा है,, लेकिन अभी भी कुछ सुनवाई नहीं की जा रही है।

 

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