धीरेंद्र सोनकर ने पर्चा दाखिल किया, जबकि विपक्ष में सपा की तरफ से फैजान रहमान, कांग्रेस पार्षद दल नेता हाजी सुहैल अहमद और निर्दलीय में अरविंद यादव ने अपना पर्चा दाखिल किया. हालांकि, संख्या बल के आधार पर विपक्ष की योजना जब कारगर साबित होते नहीं दिखाई दी, तो निर्दलीय अरविंद यादव और कांग्रेस पार्षद हाजी सुहैल अहमद ने अपना नामांकन वापस ले लिया. इनके नाम वापस होते ही भाजपा से यशपाल सिंह, पवन पांडेय, आकर्ष बाजपेयी, मंजू पाल, धीरेंद्र सोनकर और सपा से फैजान रहमान को कार्यकारिणी के लिए निर्वाचित घोषित किया गया.
दरअसल, विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या सदन के अंदर एकजुटता की रही. इसको लेकर भाजपा के पार्षद विपक्ष की चुटकी लेते हुए नजर आए.कांग्रेस पार्षद दल नेता हाजी सुहैल अहमद ने जब विपक्ष के लिए दो सीट मांगी तो महापौर ने संख्या बल का हवाला देते हुए कहा कि हमारे पांच पार्षद आसानी से जीत जाएंगे, आपके भी कई पार्षद हमारे संपर्क में हैं. भाजपा पार्षद धीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि जब देश और राज्य में सपा और कांग्रेस में गठबंधन है, तो सदन के अंदर गठबंधन कर एक पार्षद को क्यों नहीं आपस में बैठकर उसका नाम तय कर ले रहे हैं. भाजपा पार्षद नवीन पंडित ने भी विपक्ष को एक नाम तय करने को कहा, जिस पर कांग्रेस पार्षद दल नेता हाजी सुहैल अहमद खीझते हुए नजर आए और कहा कि यह तय करना आपका काम नहीं है