*फाइलेरिया का होगा सफाया, हर घर दवा अभियान की की गई शुरुआत, 10 अगस्त से 2 सितंबर तक चलेगी मुहिम*
फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है जो एक विशेष प्रकार के मच्छर “क्यूलेक्स” के काटने से एक दूसरे में फैलती है, बीमारी के लक्षणों में हाथ, पैर, महिलाओं के स्तन में सूजन, हाईड्रोसिल, पेशाब में सफेद रंग का पानी आना और सूखी खांसी शामिल हैं। एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है लेकिन साल में एक बार लगातार तीन साल तक फाइलेरिया रोधी दवा सेवन करने से फाइलेरिया से बचा जा सकता है।
सरकार के स्वास्थ्य आमजनमानस के उद्देश्य से कानपुर में 10 अगस्त से घर-घर फाइलेरिया की दवा खिलाने का अभियान आजसे शुरू होने जा रहा है । सीडीओ ने सभी विभागों से सहयोग मांगा है, 37 लाख से अधिक आबादी को दवा पिलाई जाएगी इसके लिए 2980 टीमें पूरे जनपद में बनाई गई ।
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बताया गया कि फाइलेरिया जब होता है तो व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि उन्हें ये संक्रमण हो गया है। इसके लक्षण 5 से 15 साल बाद जब दिखाई देते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
इसके तहत 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को आईवरमेक्टिन दवा सहित 2 से 5 वर्ष आयु के बच्चों को डी. ई.सी. और अल्बंडाज़ोल की निर्धारित खुराक स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी एवं अभी किसी भी स्थिति में, दवा का वितरण नहीं किया जायेगा ।
सभी आशाकर्मी, आंगनबाड़ी सेविका, आशा फैसिलिटेटर एवं स्वयंसेवकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।