नारामऊ में मनाया गया सालाना जलसा जिक-ए- इमामे अली मकाम
कानपुर- नारामऊ में शहर काजी मौलाना मुश्ताक मुशाहिदी की सरपरस्ती व हाजी मोहम्मद सलीस की सदारत में जलसा जिक्रे इमामे अली मकाम मनाया गया जिसमें शहर काजी मुश्ताक मुशाहिदी ने अपने खिताब में कहा कि सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए अगर किसी का हौसला बुलंद हो और इरादे मजबूत हो तो उसके इरादे को हुकूमत दौलत भूख प्यास नहीं तोड़ सकती यह काम सरकार इमामे हुसैन और उनके घर वालों और चाहने वालों ने मैदान ए कर्बला में शहादत देकर साबित कर दिया सरकार इमामे हुसैन ने कर्बला में यह पैगाम दिया कि सच्चाई की खातिर जालिम हुकूमत के सामने सर तो कटाया जा सकता है मगर सच्चाई को जिंदा रखने के लिए सर नहीं झुकाया जा सकता सुन्नी उलमा काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी हाजी मोहम्मद सलीस ने अपनी तकरीर में कहा कि यज़ीद ने जुल्मों सितम की हद पार कर दी थी और इंसानियत को खत्म करने की नापाक कोशिश में लगा हुआ था लेकिन इमामे हुसैन ने इंसानियत को बचाने के लिए अपने बच्चों भतीजों भांजो रिश्तेदारों के साथ खुद भी जामे शहादत को नोश फारमा लिया मगर इंसानियत को बचा लिया कन्नौज से आए हुए मुख्य अतिथि मौलाना इकरार ने अपने खिताब में कहा की कर्बला का यह पैगाम है कि हर हाल में नमाज अदा करनी चाहिए मौलाना अबरार ने भी खिताब किया कारी हारून मुशाहिदी ने निजामत की जिम्मेदारी बखूबी निभाई मौलाना सैफुल हशमत कारी शोएब राजा कारी मोनिस मुशाहिदी ने नात व मन्क़बत का नजराना पेश किया हाजी इकबाल हुसैन व मौलाना मकबूल निजामी ने जलसे में आने वाले सभी हजरात का शुक्रिया अदा किया इस मौक पर खास तौर से अनीस आलम एडवोकेट, साबिर हुसैन, नफीस आलम, मुख्तार आलम, हाशिम मुशाहिदी, साबित अली, व कसीर तादाद में लोगों ने शिरकत की।