कानपुर
एनडीए की सरकार दलित, अल्पसंख्यको एवं आदिवासी समाज के साथ न्याय करने का दिखावा करती है, जिस कारण संविधान की खुलेआम धज्जिया उडाकर शोषण व अत्याचार हो रहा है।
महामहिम राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश,सर्वोच्च न्यायालय व प्रधानमंत्री भारत सरकार, के नाम ज्ञापन देते हुए अखिल भारतीय अल्पसंख्यक बोर्ड व कानपुर के सभी सामाजिक संगठनों ने एक जुट हो कर आवाज बुलंद करी । राष्ट्रीय सचिव धनीराम पैन्थर ने बताया की भारतीय संविधान के तहत इस देश के एस०सी०/एस०टी० व ओ०बी०सी० एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय व आदिवासियो समुदाय के भाईयों एवं बहनों को आरक्षण की व्यवस्था की गई है और केन्द्र सरकार सब का साथ और सबका विकास का नारा भी दे रही है साथ ही बेटी बचाव और बेटी पढ़ाओं की भी बात कर रही है। परन्तु विगत कुछ वर्षों से जब से केन्द्र में एन०डी०ए० गठबन्धन की सरकार आई है तब से सम्पूर्ण भारतवर्ष में जाति द्वेश भावना व धार्मिक भेद-भाव के कारण एस०सी०/एस०टी०, ओ०बी०सी०, धार्मिक अल्पसंख्यकों व आदिवासी समुदाय के साथ खुलेआम घृणित मानुवादी मानसिकता के कारण संविधान की खुलेआम धज्जिया उडाकर शोषण व अत्याचार हो रहा है। जिससे सम्पूर्ण एस०सी०/एस०टी, ओ०बी०सी०, धार्मिक अल्पसंख्यको एवं आदिवासी समुदाय के लोगों में भयंकर रोष व्याप्त है। जहां एक ओर भारतीय संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार है जो जिस धर्म को मानता है इबादत करना चाहता है वह अपने-अपने धर्म के अनुसार आचरण कर सकता वहीं समय समय पर समाज मे आपसी द्वेष देखने को मिलता है ।