कानपुर
सनातन धर्म के मंदिरों में ईश्वर की पूजा पाठ करने के लिए लगने वाले शुल्क को लेकर अब सनातन प्रेमियों में विद्रोह उत्पन्न होना शुरू हो गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित मंदिरों में वीआईपी कल्चर की व्यवस्था को देखते हुए कानपुर के प्रमुख पनकी मंदिर में भी इस तरह की व्यवस्था को लागू किए जाने से बाबा के भक्तों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हो गया है। इसी आक्रोश को व्यक्त करते हुए अधिवक्ता समाज ने आज पुलिस कमिश्नर को एक ज्ञापन देकर पनकी मंदिर में किए गए वीआईपी कल्चर की जांच करने और कार्रवाई किए जाने की मांग की है। ज्ञापन देने पहुंचे अधिवक्ता अभिषेक दुबे ने कहा कि कानपुर में स्थित पनकी धाम की भक्तों के बीच में जबरदस्त आस्था है यहां पर बाबा बजरंगबली का पूजन किया जाता है। इस बीच में पनकी धाम के प्रबंधकों द्वारा मंदिर के अंदर जाकर दर्शन करने के लिए एक वीआईपी कल्चर की व्यवस्था की गई है। इसमें ₹200 का टिकट लेकर जाने वाले को विधिवत पूजन कराया जाता है। तथा दर्शन कराए जाते हैं। इसी तरह से 6 महीने का पैकेज 5100 किया गया है। जो की आम भक्तों के लिए काफी कष्टकारी है।इस व्यवस्था के लागू होने से बाबा के भक्तों के बीच जबरदस्त आक्रोश है। पनकी धाम में दो महंतों के बीच में चल रहे उठा पाठक को देखते हुए इस मंदिर की व्यवस्था को चुस्त दुष्ट करना चाहिए। अधिवक्ता ने पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि मंदिर की व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए वहां पर एक रजिस्ट्रार की व्यवस्था की जानी चाहिए तथा इस पूरे मामले की जांच कर इस वीआईपी कल्चर को समाप्त किया जाना चाहिए। ताकि गरीब आदमी भी बाबा का दर्शन कर सके और उनका पूजन कर सके साथ ही यहां पर लगाये गये बाउंसरो को भी हटाया जाना चाहिए जिससे कि बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे भक्तों के बीच भय का वातावरण ना रहे।