पोटली वाले गणेशजी,इन्दौर
इन्दौर में पोटली वाले गणेशजी का एक मन्दिर है , जो कि जूनी इन्दौर के चन्द्रभागा क्षेत्र के कुम्हार मोहल्ला में
स्थित शनिमन्दिर के पास विराजित
चिंतामण गणेशजी को पोटली वाले गणेशजी कहते हैं l जिसके बारे में कहा जाता है कि करीब 750 वर्ष पूर्व , गडरियों ने , जो कि राजस्थान से आयै हुए थे, इस स्थान पर , सिद्धी विनायक गणेशजी की , इस मूर्ति को यहाँ स्थापित किया था। करीब एक हजार वर्ग फीट में फैले हुए इस मन्दिर को गणेश महल के रूप में राजस्थानी कलाकारों ने सजाया है l इस मूर्ति में गणेशजी के चार हाथ बताये गये हैं जिनमें से दाहिने हाथ में वे पोटली लिये हुए नजर आ रहे हैं। इसलिए इन्हें पोटलीवाले गणेशजी कहा जाता है l विश्व में यह एकमात्र अद्भुत गणेशजी की ऐसी प्रतिमा है l मन्दिर में स्थापित गणेशजी की इस मूर्ति के एक हाथ में पोटली होने के विषय में , विद्वानों का यह कहना है कि भगवान गणेशजी समृद्धि के देवता माने जाते हैं ; इसलिए इस प्रतिमा के एक हाथ में धन की पोटली को बताया गया है। और गणेशजी की इस मूर्ति की इसी विशेषता के कारण इनका नाम भी पोटली वाले गणेशजी है l ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश पोटली के साथ विराजमान हैं इसलिए ऐसी प्रतिमा की पूजा करने से
सम्पन्नता आती है l इन्दौर का पुराणिक परिवार पीढ़ियों से इस गणेश मन्दिर की सेवा करता आ रहा है। गणेश महोत्सव में हर दिन अलग – अलग स्वरूप में गणेशजी का शृंगार किया जाता है। शाम को रोजाना एक घण्टा अथर्वशीष का पाठ और
महाआरती की जाती है। इस मन्दिर की एक और विशेषता यह है कि यहाँ हर वर्ष सवा लाख हल्दी की गांठों का अनुष्ठान किया जाता है। जिन लोगों की शादी रुकी होती है या, नहीं हो रही है ,उन्हें पूजन के साथ अनुष्ठान कर, गणेशजी को चढ़ाई हुई हल्दी की गांठ दी जाती है तथा जो लोग हल्दी लेने नहीं आ पाते और वे यदि कोरियर से बुलवाते हैं तो उन्हें वह हल्दी की गांठ कोरियर से उनके घर के पते पर भी भेजी जाती है l इन्दौर रेलवे स्टेशन से मात्र 1`5 कि.मी. , सरवटे बस स्टैंड से मात्र 1 कि.मी.एवं देवी अहिल्या एअरपोर्ट से 8 कि.मी. दूर पोटली वाले गणेशजी का यह मन्दिर है l

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